युवराज को इस टूर्नामेंट में अधिक बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला। इसमें योगदान रहा भारत के ऊपरी बल्लेबाजी क्रम का। टूर्नामेंट में युवराज ने 2 पारियों में 65 रन बनाए, जिनमें एक अर्धशतक भी शामिल रहा। हालांकि, पूरे टूर्नामेंट में युवराज ने अपनी फील्डिंग से शानदार खेल दिखाया। सेमीफाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में युवराज ने ग्रेम स्मिथ और जॉन्टी रोड्स के शानदार कैच लपके थे और इन्हें किसी भी भारतीय खिलाड़ी द्वारा लिए सबसे बेहतरीन कैचों में से एक कहा जा सकता है। 2007 वर्ल्ड टी-20: युवराज ने इस विश्व कप टूर्नामेंट में दो ही अच्छी पारियां खेलीं, लेकिन इन दोनों ही का भारत को फाइनल तक पहुंचाने में खास योगदान रहा। इंग्लैंड के खिलाफ 16 गेंदों में उनकी 58 रनों की पारी, जिसमें उन्होंने 6 छक्कों का कारनाम कर दिखाया था, उसे कोई भी क्रिकेट फैन कभी भुला नहीं सकेगा। सेमीफाइनल मैच में वर्ल्ड चैंपियन्स ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी 30 गेंदों में 70 रनों की पारी, एक मंझे हुए खिलाड़ी का सबूत देती है। 2011 वर्ल्ड कपः 2011 विश्व कप में भारत की जीत के हीरो थे युवराज। उन्होंने न सिर्फ बैट से बल्कि गेंदबाजी में भी अपने जौहर खूब दिखाए। उन्होंने 8 पारियों में 4 अर्धशतकों और 1 शतक की मदद से कुल 362 रन अपने खाते में जोड़े। युवराज का औसत 90.5 और स्ट्राइक रेट 87 का रहा। युवराज ने अपने पार्ट टाइम बोलर होने की भूमिका को भी बखूबी निभाया। उन्होंने 25 के औसत और 5 की इकॉनमी के साथ कुल 15 विकेट झटके। उनके इस ऑलराउंड प्रदर्शन के बल पर उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।