हर गुज़रते हुए दिन के साथ टीम इंडिया के नए हेड कोच के चयन का अनुमान और गहरा होता चला जा रहा है। इस दौड़ में अपना हाथ आज़माने पर जब ऑस्ट्रेलिया की दिग्गज बल्लेबाज़ और पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग से इस बारे में पूछ गया तब उन्होंने यह कह कर बात टाल दी कि फ़ैमिली की वरीयता क्रिकेट से कहीं ज़्यादा बढ़कर है। एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए मुंबई इंडियंस के इस कोच ने कहा ''फ़ैमिली लाइफ और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम को एक साथ लेकर चलना अब मुश्किल है।'' पॉन्टिंग का मानना है कि, ''इस तरह के मौकों को न कहना सही नहीं होता पर मैं उन कामों से काफी खुश हूं जो अभी मेरे पास हैं। सबसे मुश्किल बात वापस जाकर किसी अंतर्राष्ट्रीय टीम के कोच बनने का मतलब कम से कम 10 से 11 महीनों का योगदान देना।" उन्होंने व्याख्या करते हुए कहा, ''मेरा एक छोटा सा परिवार है इसलिए मैं अब वरियता बाहरी ज़िंदगी से ज़्यादा अपने परिवार को देना चाहूंगा, और अब मैं एक बेहतर पिता और एक बेहतर पति बनने कि पूरी कोशिश करूंगा''। इस पूर्व ऑस्ट्रेलियन कप्तान ने राहुल द्रविड़ को युवा भारतीय टीम का कोच बनाए जने पर खुशी ज़ाहिर की, और साथ ही यह भी कहा कि यह मेरा नहीं बल्कि बीसीसीआई का फैसला होगा कि उन्हे एक घरेलू कोच चाहिए या फिर बाहरी। ''मुझे नहीं लगता कि बीसीसीआई को राहुल द्रविड़ से अच्छा कोई और कोच मिल पाएगा, अगर द्रविड़ की इसमें ख़्वाहिश है तो फिर उनसे बेहतर कोई नहीं''। साथ ही साथ पोंटिंग का यह भी मानना है कि अगर यह कमान द्रविड़ को सौंपी जाती है तो टीम इंडिया को इससे ज़्यादा फायदा मिल सकता है क्योंकि द्रविड़ का अनुभव तीनों ही फॉर्मेट में काफी बेहतर है।