जिम्बाब्वे की टीम श्रीलंका के खिलाफ हरारे में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में मिले मौकों को भुना नहीं सकी । इसलिए श्रीलंका को मजबूत स्थिति में पहुँचने का मौका मिल गया । शतकवीर धनंजय डी सिल्वा के अलावा गुणारत्ने ने भी शानदार शतक जड़ दिया । यही वजह रही कि मेहमान टीम की पारी 509 रनों का विशाल स्कोर बनने के बाद खत्म हुई । धनंजय डी-सिल्वा ने जिम्बाब्वे की टीम को आसान मौका दिया लेकिन उन्होने इसे गंवा दिया । कार्ल मुम्बा ने खुद की गेंद पर डी सिल्वा का कैच छोड़ श्रीलंका को अवसर प्रदान कर दिया । अगली ही गेंद पर सेकंड स्लिप के हाथ से भी कैच टपक गया । विकेट कीपर पीटर मूर ने भी 64 रनों के निजी स्कोर पर धनंजय का कैच टपकाया और उसके बाद दिलरुवान का कैच भी छोड़ दिया । देखा जाये तो जिम्बाब्वे की फील्डिंग ने श्रीलंकाई पारी को 500 रनों के पार पहुंचाने मे काफी मदद की है । क्रीमर ने मुम्बा की गेंद पर गुणारत्ने के खिलाफ अंपायर द्वारा ठुकराई हुई पगबाधा की अपील को रिव्यू के लिए भेजा मगर नतीजा यहाँ भी उनके खिलाफ ही गया । दिलरुवान को क्रीमर ने फ्लिपर गेंद पर लंच से 15 मिनट पहले आउट किया । कप्तान क्रीमर ने शुरू से ही शानदार पकड़ बनाए रखी लेकिन किस्मत जिम्बाब्वे से रूठी हुई नजर आई । धनंजय डी-सिल्वा के बाद गुणारत्ने मैदान में टिके रहे तथा पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर अपना शतक पूरा करने के बाद आउट हुए । तब तक जिम्बाब्वे का स्कोर 500 रन के आस-पास पहुँच गया । फील्डिंग में खराब प्रदर्शन करने वाली जिम्बाब्वे की टीम का बल्लेबाजी में भी प्रदर्शन कुछ खास नजर आता हुआ नहीं लगा रहा है । जिम्बाब्वे ने शुरुआती 19 ओवर का खेल समाप्त होने तक 77 रनों पर 2 विकेट खोकर संघर्ष कर रही है । चरी तथा इरविन क्रीज़ पर हैं वहीं मवोयो तथा मसाकाद्जा आउट होकर वापस ड्रेसिंग रूम में जा चुके हैं ।