बल्लेबाज 400 रन बनाए तब पिच पर सवाल क्यों नहीं उठता- प्रज्ञान ओझा

अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में समाप्त हुआ पिंक बॉल टेस्ट चर्चा जा विषय बना हुआ है जिसमें भारतीय टीम (Indian Team) ने इंग्लैंड को 10 विकेट के बड़े अंतर से शिकस्त झेलने पर मजबूर कर दिया। स्पिन पिच पर सवाल खड़े हुए थे। प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) पिच को लेकर आलोचना करने वालों को जवाब दे रहे हैं और उनका कहना है कि जब किसी पिच पर 400 रन बनते हैं तब उसकी बात क्यों नहीं की जाती।

स्पोर्ट्स टूडे से बातचीत में भारत के पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा का बयान बहुत ही अच्छे ढंग से उक्त प्रश्न का उत्तर दे सकता है। प्रज्ञान ओझा का कहना है कि जब कोई बल्लेबाज एक पारी में 400 रन बनाता है तो कोई सवाल क्यों नहीं होता है?"

ओझा ने कहा कि यह एक प्रतिस्पर्धी विकेट था, बल्लेबाज बेहतर कर सकते थे लेकिन जब भी स्पिनर अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो यह सवाल क्यों, जब सीमर उन विकेटों को हासिल करते हैं तब क्यों नहीं? तब भी क्यों नहीं जब कोई बल्लेबाज 400 या 300 का स्कोर बनाता है। हर कोई 'यह एक विश्व रिकॉर्ड है' के बारे में बात करना शुरू कर देता है, वे 'ओह गेंदबाजों को गेंद को इतनी अच्छी तरह से स्विंग करते हैं' के बारे में बात करना शुरू करते हैं। जब स्पिनरों की गेंद टर्न होती है तो हर कोई ऐसा क्यों हो रहा की बातें करने लगता है।

प्रज्ञान ओझा ने जो रूट और विराट कोहली की तरह कहा कि विकेट पर बल्लेबाजों को अभ्यस्त होने का प्रयास करते हुए बल्लेबाजी करनी चाहिए थी। प्रज्ञान ओझा के अनुसार बल्लेबाजी के लिए मददगार पिच पर सवाल खड़े नहीं होते तब स्पिनरों के लिए मददगार पिच के लिए भी कोई बात नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब तेज गेंदबाजों के लिए मददगार पिच होती है तब कोई नहीं बोलता।

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