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यह कहना गलत नहीं होगा कि चयनकर्ता पैनल और टीम प्रबंधन मोटे तौर पर सुरेश रैना को वन-डे प्रारूप के खिलाड़ी के रूप में देखना चाहते हैं जबकि क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में उनकी क्षमता का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं। इसे देखते हुए तीसरे क्रम पर उन्हें बल्लेबाजी का मौका देना बुद्धिमानी फैसला लगा, जहां उन्होंने आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से काफी सफलता हासिल की। अगर भारतीय टीम का एक विकेट जल्दी गिरता है तो रैना को क्रीज पर जमने का मौका मिल जाएगा और वह बड़ा स्कोर बनाने की क्षमता रखते हैं।
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