भारतीय टीम के नए वर्ष की शुरुआत रविवार को होगी, जब वह इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की वन-डे सीरीज का पहला मैच खेलेगी। भारत और इंग्लैंड के बीच पहला वन-डे पुणे के गहुन्जे स्टेडियम पर खेला जाएगा। आईए नजर डालते हैं कि भारतीय टीम वन-डे सीरीज में किस संयोजन के साथ मैदान पर उतर सकती है :
शीर्षक्रम
वन-डे सीरीज से पहले कुछ अभ्यास मैच खेल चुके बाएं हाथ के बल्लेबाज से नए वर्ष में शानदार शुरुआत की उम्मीद है। धवन ने 2016 में सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकमात्र वन-डे सीरीज खेली और 57.40 की औसत से 5 मैचों में 287 रन बनाए। 2017 में धवन से इंग्लैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन की उम्मीद टीम प्रबंधन को होगी, ताकि चैंपियंस ट्रॉफी में भी वह ओपनिंग की जिम्मेदारी संभाले। धवन ने इंग्लैंड के खिलाफ अभ्यास मैच में अच्छा प्रदर्शन किया था और सीरीज में भी उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद बरक़रार है।
लोकेश राहुल
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 50 ओवर प्रारूप का डेब्यू 2016 में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ किया था, जहां उन्होंने अपने डेब्यू मैच में शतक जमाया था। इसके बाद अगले दो वन-डे में भी उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करके दर्शाया कि वह सिर्फ एक प्रारूप के बल्लेबाज नहीं हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच में राहुल ने चौथे क्रम पर उतरकर शतक जमाया था। अब इंग्लैंड के खिलाफ रविवार को शुरू होने वाले पहले वन-डे में राहुल के ओपनिंग करने की पूरी उम्मीद हैं। यह देखने लायक रहेगा कि वह नए वर्ष की शुरुआत किस अंदाज में करते हैं।
विराट कोहली (कप्तान)
रविवार को भारतीय क्रिकेट के नए युग की शुरुआत होगी क्योंकि विराट कोहली अब तीनों प्रारूपों के कप्तान होंगे। धोनी के कप्तानी से इस्तीफा देने के बाद विराट को कप्तान वन-डे और टी20 का भी कप्तान बनाया गया। विराट का 2016 में तीनों प्रारूपों में उम्दा प्रदर्शन रहा था और वह इसे इस वर्ष भी जारी रखना चाहेंगे। कोहली ने टेस्ट कप्तानी का भार अपनी बल्लेबाजी पर नहीं आने दिया और अगर वन-डे में वह इसे जारी रखते हैं तो भारतीय क्रिकेट के लिए मौजूदा समय में इससे शानदार पल और कोई नहीं होगा। मध्यक्रम एमएस धोनी
9 वर्षों में पहली बार धोनी भारतीय टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में खेलेंगे। इसमें कोई संदेह नहीं कि पुणे में होने वाले पहले वन-डे में क्रिकेट फैन को कुछ अलग नहीं महसूस होगा। धोनी के लिए उपरीक्रम पर आकर बल्लेबाजी करना लाभदायक साबित हो सकता है ताकि युवा खिलाड़ी निचलेक्रम में उतरकर अपनी शैली से सबका परिचय करा सके और खुद को अभिव्यक्त कर सके। अब यह देखने लायक होगा कि धोनी अपने पुराने फॉर्म को जारी रखकर क्रिकेट फैंस का भरपूर मनोरंजन कर पाएंगे जिसकी चमक कप्तानी के दौरान थोड़ी फीकी पड़ती दिखाई दी थी।
युवराज सिंह
तीन वर्षों के बाद वन-डे टीम में वापसी करने वाले युवराज सिंह को पता है कि धोनी के समान वह भी अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं और उन्हें अपने अनुभव का पूरा फायदा मध्यक्रम में उठाने की जरुरत है। उनके चयन पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आई थी, लेकिन अब जब उन्हें चुन लिया गया है तो वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेरने की पूरी कोशिश करेंगे। अगर वह ऐसा करने में कामयाब होते हैं तो कोहली और टीम प्रबंधन पर से मध्यक्रम की चिंता बहुत कम हो जाएगी।
केदार जाधव
यह ऐसा स्थान है जहां भारत को अधिक भरोसेमंद खिलाड़ी की जरुरत है। अगर धोनी उपरीक्रम पर बल्लेबाजी करने उतरते हैं तो छठें क्रम पर मजबूत बल्लेबाज के कंधों पर पूरी जिम्मेदारी होगी। भारत के पास वैसे तो कई विकल्प हैं, लेकिन सभी में से केदार जाधव उपयुक्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने आईपीएल फ्रैंचाइज़ी के लिए बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन अपनी प्रतिभा का नमूना भारतीय टीम में दर्शाना बाकी है। अब यह देखने लायक रहेगा कि उन्हें कितने मौके मिलते हैं और क्या मनीष पांडे को उनकी जगह तरजीह दी जाएगी। मगर जाधव अगर बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो वह लंबे समय तक इस स्थान को अपने लिए सुरक्षित बना सकते हैं। निचलाक्रम हार्दिक पांड्या
धोनी की कप्तानी में भारत लंबे समय तक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की तलाश करता रहा। अंत में स्टुअर्ट बिन्नी और ऋषि धवन जैसे खिलाड़ी जरुर मिले, लेकिन दोनों ही उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे। भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले के दौरान हार्दिक पांड्या उभरकर सामने आए, जिसमें भविष्य दिखा। बड़ौदा के ऑलराउंडर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और फिर भारत 'ए' के साथ अपने खेल में काफी सुधार भी किया। अगले 6 महीनों में चैंपियंस ट्रॉफी होना है, ऐसे में पांड्या नए वर्ष की शुरुआत बेहतर ढंग से करके टीम में अपनी जगह पक्की कर सकते हैं। इंग्लैंड के खिलाफ वह शानदार प्रदर्शन करने का पूरा प्रयास करेंगे।
रविंद्र जडेजा
वेस्टइंडीज के खिलाफ फ्लोरिडा में टी20 अंतर्राष्ट्रीय खेलने के बाद रविंद्र जडेजा पहली बार सीमित ओवरों का मैच खेलेंगे। जडेजा की कोशिश टेस्ट के शानदार फॉर्म को वन-डे में भी बरक़रार रखने की कोशिश होगी। सौराष्ट्र के ऑलराउंडर भारतीय टीम के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक हैं। चैंपियंस ट्रॉफी से पूर्व जडेजा को सीमित ओवरों के 6 मुकाबले खेलने को मिलेंगे और जडेजा के पास अच्छी लय हासिल करने का यह शानदार मौका होगा।
रविचंद्रन अश्विन
जडेजा के समान अश्विन भी काफी समय के बाद सीमित ओवरों का मुकाबला खेलेंगे। 30 वर्षीय अश्विन के लिए 2016 वर्ष शानदार रहा और वह इंग्लैंड के खिलाफ वन-डे सीरीज में इसे जारी रखने की कोशिश करेंगे। अश्विन ने 2016 में विरोधी टीमों के बल्लेबाजों को खूब परेशान किया और वह रंगीन पोशाक भी इसे जारी रखना जारी रखने की कोशिश करेंगे। कोहली को उनसे शानदार प्रदर्शन की उम्मीद होगी। अश्विन का काम मध्य ओवरों में इयोन मॉर्गन और बेन स्टोक्स जैसे स्ट्रोक खेलने वाले बल्लेबाजों पर लगाम कसने का होगा।
भुवनेश्वर कुमार
उत्तर प्रदेश के तेज गेंदबाज ने पिछले 6-8 महीनों में अपनी ख़ोई हुई लय हासिल की है और वह बल्लेबाज को परेशान करने में माहिर हैं। भुवी ने आईपीएल में सनराईजर्स हैदराबाद के लिए शानदार प्रदर्शन किया था और भारतीय टीम को उनसे इसी प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद होगी। भुवी को सिर्फ चोट से बचने की जरुरत होगी, जिसकी वजह से उनका करियर ग्राफ बिगड़ता जा रहा था और कोहली इस बात को ध्यान में रखते हुए उनसे बेहतर प्रदर्शन कराने का पूरा प्रयास करेंगे।
जसप्रीत बुमराह
पिछले एक वर्ष में बुमराह ने अपनी उपयोगिता साबित करते हुए भारतीय टीम के प्रमुख गेंदबाज के रूप में अपनी पहचान बनाई है। गुजरात के क्रिकेटर ने भारतीय क्रिकेट के सबसे चिंतित मामले (अंतिम ओवरों में गेंदबाजी) को सुलझाया है। कोहली को उनसे शुरुआत में कसी हुई तथा अंत में शानदार यॉर्कर गेंदबाजी की उम्मीद होगी। बुमराह का अजीब एक्शन भी उन्हें काफी मदद पहुंचा सकता है और इंग्लैंड के खिलाफ वह अपनी जगह पूरी तरह से सुरक्षित करने की पूरी कोशिश करेंगे।