इंग्लैंड के खिलाफ वन-डे सीरीज के लिए भारत के संभावित एकादश

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मध्यक्रम
एमएस धोनी

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9 वर्षों में पहली बार धोनी भारतीय टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में खेलेंगे। इसमें कोई संदेह नहीं कि पुणे में होने वाले पहले वन-डे में क्रिकेट फैन को कुछ अलग नहीं महसूस होगा। धोनी के लिए उपरीक्रम पर आकर बल्लेबाजी करना लाभदायक साबित हो सकता है ताकि युवा खिलाड़ी निचलेक्रम में उतरकर अपनी शैली से सबका परिचय करा सके और खुद को अभिव्यक्त कर सके। अब यह देखने लायक होगा कि धोनी अपने पुराने फॉर्म को जारी रखकर क्रिकेट फैंस का भरपूर मनोरंजन कर पाएंगे जिसकी चमक कप्तानी के दौरान थोड़ी फीकी पड़ती दिखाई दी थी।


युवराज सिंह

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तीन वर्षों के बाद वन-डे टीम में वापसी करने वाले युवराज सिंह को पता है कि धोनी के समान वह भी अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं और उन्हें अपने अनुभव का पूरा फायदा मध्यक्रम में उठाने की जरुरत है। उनके चयन पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आई थी, लेकिन अब जब उन्हें चुन लिया गया है तो वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेरने की पूरी कोशिश करेंगे। अगर वह ऐसा करने में कामयाब होते हैं तो कोहली और टीम प्रबंधन पर से मध्यक्रम की चिंता बहुत कम हो जाएगी।


केदार जाधव

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यह ऐसा स्थान है जहां भारत को अधिक भरोसेमंद खिलाड़ी की जरुरत है। अगर धोनी उपरीक्रम पर बल्लेबाजी करने उतरते हैं तो छठें क्रम पर मजबूत बल्लेबाज के कंधों पर पूरी जिम्मेदारी होगी। भारत के पास वैसे तो कई विकल्प हैं, लेकिन सभी में से केदार जाधव उपयुक्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने आईपीएल फ्रैंचाइज़ी के लिए बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन अपनी प्रतिभा का नमूना भारतीय टीम में दर्शाना बाकी है। अब यह देखने लायक रहेगा कि उन्हें कितने मौके मिलते हैं और क्या मनीष पांडे को उनकी जगह तरजीह दी जाएगी। मगर जाधव अगर बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो वह लंबे समय तक इस स्थान को अपने लिए सुरक्षित बना सकते हैं।

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