एक तरफ पृथ्वी शॉ ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में शतक लगाया तो वहीं दूसरी ओर कुछ कंपनियों ने उनकी इस पारी को लेकर ही विज्ञापन बना दिया। अब पृथ्वी का मैनेजमेंट देख रही कंपनी ने इन कंपनियों को कानूनी नोटिस भेज दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी ने ऐसी कंपनियों से 1 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर मांगे हैं। बता दें कि इसमें स्विगी और फ्रीचार्ज जैसी कंपनियां शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबि स्विगी और फ्रीचार्ज दोनों ही कंपनियों ने अपने ट्वीट हटा दिए हैं। स्विगी ने लिखा था- पहली बात हमेशा याद रहती है। रसमलाई की पहली बाइट, पृथ्वी शॉ की पहली पारी।' बेसलाइन वेंचर्स पृथ्वी का मैनेजमेंट देखती है और उसने दावा किया है कि इन कंपनियों ने ट्रेडमार्क अधिनियम का उल्लंघन किया है।
अमूल दूध जैसी बड़ी कंपनी ने भी बिना बेसलाइन वेंचर्स को जानकारी दिए ही उनके नाम का विज्ञापन बना दिया। उसमें लिखा गया है- अमूल, पृथ्वी का पसंदीदा मक्खन।
वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट में ही शतक जड़ने वाले पृथ्वी शॉ ने 134 रन की शानदार पारी खेली। उन्होंने 154 गेंदों का सामना किया जिसमें 19 चौके जड़े। मुंबई के विरार में रहने वाले पृथ्वी शॉ जिस तरह शॉट लगा रहे थे, उसे देखकर तो कहीं नहीं लग रहा था कि वह कोई गैर अनुभवी खिलाड़ी हैं। केवल 15 प्रथम श्रेणी मैच खेलने के बाद पृथ्वी को टेस्ट टीम में जगह मिली।
पृथ्वी शॉ की प्रेरणा उनके पापा पंकज हैं। जब पृथ्वी ने शतक जड़ा तो उन्होंने अपने पहले टेस्ट शतक को पापा को ही समर्पित किया। मूलत: बिहार के रहने वाले पंकज ने अपने बेटे के लिए काफी संघर्ष किया। पृथ्वी को 3 साल की छोटी उम्र में बल्ला थमाने वाले उनके पापा पंकज ही थे।
पृथ्वी का यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। उन्होंने महज चार बरस की उम्र में ही अपनी मां को खो दिया था। फिर उनके पिता ने ही मां की भी भूमिका अदा की। पृथ्वी ने भी अपने पापा को कभी निराश नहीं किया। उन्होंने रणजी ट्रॉफी और पहले ही टेस्ट मैच में शतक जड़ा। वह डेब्यू मैच में शतक जड़ने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी हैं।