वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पदार्पण टेस्ट मैच में शतक लगाकर पृथ्वी शॉ क्रिकेट जगत की नई सनसनी बन गए हैं। कोई उन्हें भारतीय क्रिकेट का भविष्य कह रहा है तो कोई उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से कर रहा है। उनकी प्रतिभा के मुताबिक यह जायज भी है। जो खिलड़ी दलीप ट्रॉफी, रणजी ट्रॉफी और टेस्ट क्रिकेट में शतक के साथ आगाज करे उसे इतना सम्मान मिलना वाजिब है। हालांकि इस चकाचौंध के बीच एक सवाल यह भी है कि क्या सुनील गावस्कर और सचिन की फेहरिस्त में उन्हें शामिल करना जल्दबाजी नहीं है?
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के हीरो रहे शॉ को मैन ऑफ द मैच करार दिया गया। इससे पहले अंडर-19 विश्व कप के दौरान अपनी कप्तानी और बल्लेबाजी का बेहतरीन नमूना पेश करते हुए शॉ ने भारत को खिताब दिलाया था। इसके बाद आईपीएल में दिल्ली की ओर से खेलते हुए उन्होंने दिखाया कि वे किसी भी गेंदबाजी आक्रमण का बखूबी सामना कर सकते हैं। उनकी ये खूबियां ही उन्हें भविष्य के महान बल्लेबाज के रूप में पेश करती हैं।
पृथ्वी पिछले करीब दो साल से क्रिकेट जगत में धूम मचाए हुए हैं। 2017 में लगभग 17 साल से कुछ ज्यादा की उम्र में शॉ को मुंबई ने रणजी ट्रॉफी के लिए चुना। कई लोगों के लिए यह चौकाने वाला फैसला था। हालांकि शॉ ने अपने चयन को सही साबित करते हुए सेमीफाइनल मुकाबले में शतक लगाकर मुंबई को फाइनल में पहुंचा दिया। उनकी रफ्तार और तकनीक किसी भी क्रिकेट प्रेमी को कायल कर देती।
2017 के सितंबर में पृथ्वी ने एक और धमाल मचाया। उन्होंन पहले दलीप ट्रॉफी मैच में इंडिया रेड की ओर से खेलते हुए 154 रन बनाए। इस मैच में शतक लगाना और भी खास था क्योंकि यह ट्रॉफी का फाइनल मैच था और यहां दबाव होता है। जब वे अंतर्राष्ट्रीय पटल के पांच दिवसीय प्रारूप में खेलने उतरे तो भी शतक के साथ आगाज किया। उनके ये आंकड़े ही उन्हें गावस्कर और तेंदुलकर की श्रेणी में खड़ा कर देते हैं।
मुंबई के इस बल्लेबाज की तुलना सचिन से इसलिए भी की जाती है क्योंकि वे उनके नक्शेकदम पर चल रहे हैं। 2013 में मुंबई के जिस इंटर स्कूल हैरिस शील्ड टूर्नामेंट के एक मैच में शॉ ने 546 रन की पारी खेली थी वहीं कभी तेंदुलकर ने भी एक मैच में 326 रन बनाए थे। स्कूली क्रिकेट में पृथ्वी का सबसे बड़ा धमाका इंग्लैंड में हुआ। उन्हेंने यहां एक टूर्नामेंट के दौरान लगभग 84 के औसत से 1446 रन बना दिए थे। आईपीएल में भी पृथ्वी ने अपने से काफी अनुभवी और दिग्गज तेज गेंदबाजों का सामना करते हुए 27 के औसत से 245 रन बटोरे।
पृथ्वी आंकड़ों के साथ ही कद-काठी के मामले में भी सचिन के आसपास दिखते हैं। साथ ही उनके आंकड़े यह गवाही देते हैं कि उन्हें बड़े मैच और दबाव में खेलना काफी रास आता है। उनकी इसी प्रतिभा के कारण एमआरएफ जैसी दिग्गज कंपनी ने उनके साथ करार किया। इससे पहले एमआरएफ ने सिर्फ तेंदुलकर, ब्रायन लारा, स्टीव वॉ और विराट कोहली जैसे दिग्गजों से ही करार किया था।