विस्फोटक ओपनर पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) लम्बे समय से भारतीय टीम से बाहर हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें टेस्ट टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। उसके बाद उन्हें इंग्लैंड दौरे पर चोटिल खिलाड़ियों की रिप्लेसमेंट के तौर पर बुलाया गया था लेकिन उन्हें एक भी मैच में खेलने को नहीं मिला। वहीं टी20 क्रिकेट में भी अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें भारतीय टी20 टीम में भी नहीं चुना गया है। हाल ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज और आगामी आयरलैंड दौरे के लिए उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।
फिलहाल पृथ्वी शॉ घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं और उनकी कप्तानी में रणजी ट्रॉफी के फाइनल में मुंबई का सामना मध्य प्रदेश से है। फाइनल से पहले रिपोर्टर्स से बात करते हुए शॉ ने कहा कि उनका पूरा ध्यान अपनी टीम को 42वीं बार रणजी चैंपियन बनाने पर है। उन्होंने कहा,
भारतीय टीम में वापसी का ख्याल मेरे दिमाग में कहीं भी नहीं है। कप हासिल करना मेरा मुख्य मकसद है और मैं इसे जीतने के अलावा और कुछ नहीं सोच रहा हूं। हमने रणजी ट्रॉफी के लिए जो किया है उसकी तैयारी और बाहर जो हो रहा है उस पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा है। यह रणजी ट्रॉफी जीतने और उन खुशी के पलों को वापस पाने के बारे में है।
पृथ्वी शॉ ने युवाओं को दी खास सलाह
पृथ्वी शॉ खुद एक युवा खिलाड़ी हैं लेकिन उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलते हुए काफी समय हो गया है और वह भारतीय टीम के साथ भी कुछ मौकों पर रहे हैं। ऐसे में उन्हें क्रिकेट की अच्छी समझ है। मुंबई के कप्तान ने अपने से कम अनुभवी साथियों को सलाह दी कि वे इस अवसर के झांसे में न आएं और इसका आनंद लें।
जब उनसे युवाओं को सलाह देने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा,
पहली बात मैं कहूंगा कि मुझे उन पर गर्व है और वे कितनी दूर आ गए हैं और बस इतना ही कहना चाहता हूं, वहां जाओ और आनंद लो। मैं टीम के युवाओं से कहता हूं कि आपने जैसे अंडर-25 या अंडर-19 में किया है वही करना है, बस कठिनाई का स्तर और बढ़ जाता है। मेरे लिए, परिणाम मायने नहीं रखता, लेकिन वे जो प्रयास करते हैं, वह मायने रखता है। मैं उनसे बस इतना कहता हूं, वही करो जो तुम इतने सालों से करते आ रहे हो।