पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) भले ही काफी समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे हों लेकिन रणजी ट्रॉफी में उनका जबरदस्त प्रदर्शन जारी है। उन्होंने मुंबई की तरफ से खेलते हुए जबरदस्त तिहरा शतक लगा दिया और इसके बाद उनके भारतीय टीम में वापसी की चर्चाएं तेज हो गई हैं। वहीं पृथ्वी शॉ ने खुद इसको लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि जिस चीज को आप कंट्रोल नहीं कर सकते हैं उसके बारे में दुखी होने का कोई मतलब नहीं है। पृथ्वी शॉ के मुताबिक उनका काम परफॉर्म करना है और सेलेक्शन उनके हाथ में नहीं है।
पृथ्वी शॉ ने असम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मुकाबले में जबरदस्त तिहरा शतक लगाया। पृथ्वी शॉ ने 379 रनों की पारी खेली जो रणजी ट्रॉफी की एक पारी में दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। यही वजह रही कि मुंबई ने अपनी पहली पारी में 687/4 का विशाल स्कोर बनाया। अपनी पारी में उन्होंने 383 गेंदों का सामना किया और इस दौरान 49 चौके और चार छक्के भी लगाए। अपनी पारी से पृथ्वी शॉ ने संजय मांजरेकर का रिकॉर्ड तोड़ दिया जिनके नाम रणजी ट्रॉफी का दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर दर्ज था। मांजरेकर ने 1990-91 के रणजी सीजन में हैदराबाद के खिलाफ 377 रन बनाये थे। इसके अलावा शॉ रणजी ट्रॉफी में तिहरा शतक, विजय हजारे ट्रॉफी में दोहरा शतक और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी भी बने।
भगवाना ने चाहा तो मुझे दोबारा मौका मिलेगा - पृथ्वी शॉ
वहीं पृथ्वी शॉ ने अपनी इस बेहतरीन पारी के बाद इंडियन टीम में वापसी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा,
मैं इस बारे में नहीं सोच रहा था कि आज मुझे रिकॉर्ड बनाना है। जब मैं कल 240 रन बनाने के बाद आज बल्लेबाजी के लिए आया तो फिर जीरो से शुरू करना चाहता था। मैं केवल गेंद की मेरिट के हिसाब से खेल रहा था। मुझे नहीं पता था कि मैंने रिकॉर्ड बना दिया है। ड्रेसिंग रूम में मुझे पता चला कि मैंने सेकेंड हाईएस्ट स्कोर बनाया है।
कई बार इस बात के लिए दुख होता है कि अपने पीक पर होने के बावजूद आपको चांस नहीं मिलता है। जो मेरे हाथ में नहीं है उससे दुखी होकर क्या फायदा। अगर भगवान ने चाहा तो मुझे दोबारा मौका मिलेगा। मैं दोबारा इंडिया के लिए परफॉर्म करने की कोशिश करूंगा। ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। मैं अभी मुंबई के लिए बेहतर करना चाहता हूं।