भारतीय टेस्ट बल्लेबाज पृथ्वी शॉ डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं। उन्हें सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान प्रतिबंधित ड्रग का दोषी पाया गया है। दाएं हाथ के बल्लेबाज शॉ ने अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया, जो आमतौर पर कफ सिरप में पाया जा सकता है।
मुंबई के बल्लेबाज पृथ्वी का यूरिन टेस्ट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2019 के दौरान किया गया था। बाद में उनके नमूने का परीक्षण किया गया और पाया गया कि इसमें टरबुटालाइन पदार्थ है, जो वाडा की निषिद्ध सूची में है।
बीसीसीआई के मुताबिक, 16 जुलाई 2019 को पृथ्वी शॉ को एंटी डोपिंग रूल वॉयलेशन (ADRV) और बीसीसीआई एंटी डोपिंग रूल्स (ADR) की धारा 2.1 के उल्लंघन का दोषी पाया गया हैं।
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पृथ्वी शॉ ने इसके इस्तेमाल की बात मानी है, लेकिन साथ ही कहा कि उन्होंने खांसी रोकने के लिए कफ सिरप का इस्तेमाल किया था । बीसीसीआई ने शॉ की सफाई को स्वीकार कर लिया है और माना है कि शॉ ने शारीरिक क्षमता बढ़ाने के तौर पर नहीं, बल्कि खांसी रोकने के लिए इस प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया है।
यह इस युवा खिलाड़ी की लापरवाही का परिणाम है। इस मामले में सभी तरह के विचार-विमर्श के बाद यह तय किया गया कि शॉ को लापरवाही बरतने के लिए आठ महीने का प्रतिबंध झेलना होगा। पृथ्वी शॉ पर 15 नवम्बर 2019 तक प्रतिबंध लगा है। हालांकि, वह 15 सितम्बर से अभ्यास कर सकते हैं।
इससे पहले युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ चोट के कारण वेस्टइंडीज ए और भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाए थे। वह अब दिलीप ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी के अलावा सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी के शुरूआती मैचों का हिस्सा नहीं बन पाएंगे।
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