भारतीय क्रिकेट टीम इस समय बेशक शानदार प्रदर्शन कर रही हो, लेकिन भविष्य में भी क्या टीम ऐसा ही प्रदर्शन कर पाएगी? ये तो आने वाले खिलाड़ियों पर निर्भर करता है। प्रश्न ये उठता है कि क्या वो भी इसी तरह से देश का झंडा ऊंचा रख पाएंगे? अपने प्रदर्शन से कई युवा खिलाड़ी उम्मीद तो जगा रहे हैं, लेकिन आज की तारीख में एक नाम ऐसा है, जिसका भविष्य में टीम इंडिया में शामिल होना और अंर्तराष्ट्रीय स्तर अपनी चमक बिखेरना तय माना जा रहा है, और वो नाम है पृथ्वी शॉ। हालांकि 18 वर्षीय पृथ्वी शॉ को अभी प्रथम श्रेणी का भी ज्यादा अनुभव नहीं है, लेकिन जितने भी मैच उन्होंने खेले हैं, उसमें उन्होंने अपनी क्लास दिखा दी है। एक पुरानी कहावत है न कि 'पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं', उनके छोटे से करियर के आंकड़े भी यही बताने के लिए काफी हैं। पृथ्वी शॉ ने अभी तक मात्र 8 प्रथम श्रेणी के मैच खेले हैं, इन मैचों में उन्होंने 945 रन 63 की शानदार औसत के साथ बना दिये हैं। इनमें 5 शतक और 3 अर्धशतक शामिल हैं। अब तक मात्र 6 रणजी मैच खेलने वाले पृथ्वी शॉ ने इनमें 4 शतक लगाए हैं। इस साल जनवरी में रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल मैच में जब उन्हें तमिलनाडु के खिलाफ खेलने का अवसर मिला, तो उन्होंने इसे हाथ से नहीं जाने दिया। अपने डेब्यू मैच की दूसरी पारी में ही उन्होंने शतक जड़कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिये। उसके बाद उन्होंने दिलीप ट्रॉफी के अपने डेब्यू मैच भी शतक जड़ दिया। अपने डेब्यू रणजी ट्रॉफी और दिलीप ट्रॉफी मैच में शतक लगाने का कारनामा करने वाले वो सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे बल्लेबाज बने। ऐसा नहीं है कि दुनिया ने पृथ्वी शॉ का इसी साल पहली बार सुना हो, वर्ष 2013 में हैरिस शील्ड एलीट डिवीजन के मैच में आजाद मैदान पर खेलते हुए उन्होंने 330 गेंदों का सामना कर 546 रन का विशाल स्कोर बनाकर तहलका मचा दिया था। इस उपलब्धि के कारण उन्होंने अपना नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज करा लिया था। उनका ये स्कोर उस समय भारतीय क्रिकेट का सबसे बड़ा और विश्व क्रिकेट में तीसरा सबसे बड़ा स्कोर था, जिसे सन 2016 में एक और होनहार युवा बल्लेबाज प्रणव धनावड़े ने 1009 रनों की नाबाद पारी खेलकर तोड़ा। 546 रनों की पारी खेलने के बाद सारी दुनिया ने उनकी प्रतिभा को पहचान लिया। उन्हें दो बार क्रिकेट एजुकेशन प्रोग्राम के लिए इंग्लैंड जाने का अवसर भी मिल चुका है। खेल जगत में खेल सामग्री निर्माण के लिए विख्यात कम्पनी SG ने उनके साथ 36 लाख रुपये की डील की है। इससे पहले SG कम्पनी ने पूर्व भारतीय दिग्गज बल्लेबाजों सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़, वीरेंदर सहवाग के साथ ही ये डील की थी। सन 1999 में ठाणे में जन्मे, मुम्बई के दाहिने हाथ के सलामी बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ न सिर्फ एक मंझे हुए बल्लेबाज हैं, बल्कि एक अच्छे ऑफ स्पिनर भी हैं। मुम्बई रणजी खेलने से पहले वो मुम्बई के लिए अंडर 14, अंडर 16, अंडर 19 में ऑलराउंडर के तौर पर अपना प्रभाव छोड़ चुके है। भारत के लिए अंडर-23 खेलने के अलावा वह बोर्ड प्रेसीडेंट इलेवन की ओर से न्यूजीलैंड के खिलाफ वार्म अप मैच भी खेल चुके हैं। यहां भी उन्होंने सबको प्रभावित करते हुए अर्धशतक लगाया था, अपनी बल्लेबाजी से वो दुनिया के दिग्गज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट को भी अपना मुरीद बना चुके हैं। हमेशा से चली आ रही मुम्बई की शानदार बल्लेबाजी की परम्परा को वो और भी आगे ले जाएंगे, इसमें कोई संशय नहीं है। खेल विशेषज्ञ उनके खेल को देखकर उनकी तुलना महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से करते हैं। कुछ उलटफेर नहीं हुआ तो भविष्य में उनका टीम इंडिया के लिए खेलना तय है। आने वाले सालों में ये फूल अपनी खुशबू से सारी दुनिया को महकाएगा, बस जरूरत सिर्फ इस बात की है कि भारतीय खेल प्रशासक ध्यान रखें कि ये कली फूल बनने पहले मुरझाए नहीं।