आईपीएल शुरू होने की घोषणा के साथ ही कोरोना वायरस से बचाव के लिए भी तमाम तरह की सम्भावनाओं पर विचार किया जा रहा है। कई नियम और कायदे बनाए गए हैं जिन्हें आईपीएल में खिलाड़ियों के लिए फॉलो करना जरूरी रहेगा। इन सबके बीच एक सवाल यह भी है कि नियमों के बाद भी आईपीएल में अगर कोई खिलाड़ी या स्टाफ सदस्य पॉजिटिव आता है, तब क्या किया जाएगा? आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने इस पर भी अच्छी तरह काम किया है।
आईपीएल में जैसे ही किसी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी, उस व्यक्ति को बायो सिक्योर्ड बबल से बाहर कर दिया जाएगा। इसके अलावा उसे वापस सिक्योर्ड बबल में लाने के लिए दो बार टेस्ट किया जाएगा और दोनों बार उसको नेगेटिव आना होगा। इसके अलावा भी एक लम्बा प्रोसेस रखा गया है।
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आईपीएल में कोरोना पॉजिटिव आने पर क्या किया जाएगा?
पॉजिटिव या संदेह वाले मामलों में व्यक्ति को उसी वक्त टीम से अलग कर दिया जाएगा। टीम डॉक्टर तुरंत इस बारे में आईपीएल मेडिकल मैनेजर को जानकरी देगा। केस को निर्धारित अस्पतालों के साथ समन्वय के साथ मॉनिटर किया जाएगा। इन अस्पतालों में कोरोना वायरस की टेस्टिंग से लेकर इलाज के सारे उपकरण मौजूद होंगे।
नियम के अनुसार बायो सिक्योर्ड बबल में वापसी से पहले संक्रमित व्यक्ति को दो सप्ताह तक आइसोलेशन में ही रहना होगा। आइसोलेशन के बाद टीम से वापस जुड़ने की अनुमति मिलने पर दो कोरोना पीसीआर टेस्ट टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आनी जरूरी होगी। बायो सिक्योर्ड बबल में प्रवेश के 24 घंटे पहले तक ऐसा करना जरूरी होगा।
गौरतलब है कि सुरक्षा के कड़े नियमों को ध्यान में रखते हुए संक्रमित व्यक्ति को पूरी तरह ठीक होने से पहले जल्दीबाजी में टीम से जुड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पूरी तरह फिट हुए बिना प्रवेश देने से टीमों और टूर्नामेंट के लिए घातक कदम साबित हो सकता है