डीन एल्गर ने भले ही जोहान्सबर्ग के वांडर्स स्टेडियम में 86 रन की पारी खेली हो लेकिन उनका मानना है कि इस खतरनाक पिच पर खेलने का रिस्क नहीं लेना चाहिए था, टेस्ट मैच को तीसरे दिन ही रद्द कर देना चाहिए था। मैच के तीसरे दिन गेंद ने तेज़ी से एल्गर के हेलमेट पर प्रहार किया था, मैच तीसरे दिन रुक गया था, मगर चौथे दिन मैच फिर से जारी किया गया। डीन एल्गर ने कहा " मुझे लगता है है तीसरे दिन ही मैच को रद्द कर देना चाहिए था। तीसरे दिन विकेट अच्छी नहीं थी , गेंद बार बार बल्लेबाज के सिर पर टकरा रही थी। उसी समय मैच को रोक देना चाहिए था।" नवंबर 2014 में सिर में गेंद लगने से हुई फिलिप ह्यूज की मौत का हवाला देते हुए एल्गर ने कहा ''इस तरह की घटना का शिकार भी कोई खिलाड़ी हो सकता था। माना कि लोग टेस्ट क्रिकेट देखना पसंद करते हैं मगर खिलाड़ियों की भी जान की कीमत होती है। हम खिलाड़ी सिर पर गेंद का प्रहार और जान हथेली पर रखने का साहस नहीं कर सकते।'' तीसरे दिन जसप्रीत बुमराह की गेंद जमीन पर टप्पा खाने के बाद एल्गर के हेलमेट के ग्रिल से टकराई थी। इस पर डीन एल्गर ने कहा ''उन्होंने ऐसा अजीब बाउंस वांडर्स में पहले कभी अनुभव नहीं किया था। जब अंपायर ने मैच रोकने के लिए निर्देश दिया तो मुझे बेहद खुशी हुई।'' एल्गर ने ये भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि वो इससे बेहतर खेल सकते थे जब विकेट पर गेंद शॉर्ट होने के बावजूद इतना बाउंस ले रही थी। खेल रुकने से मुझे थोड़ा समय मिला। अच्छा हुआ कि अंपायर ने मौके की नजाकत को समझा। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डt प्लेसी ने भी एल्गर की तारीफ करते हुए कहा, ''एल्गर एक बेहतरीन जाबांज खिलाड़ी हैं। इस विकेट पर कोई भी खिलाड़ी इतने रन जोड़ता है तो समझिए उसने बेहतरीन पारी खेली है।''