भारतीय क्रिकेट टीम के मिडल ऑर्डर बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा ने दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में एक ऐसा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है, जिससे हर खिलाड़ी दूर रहना चाहेगा। पुजारा मैच के आखिरी और पांचवें दिन बुधवार को भारत की दूसरी पारी में रन आउट हुए। इसी के साथ वह टेस्ट मैच की दोनों पारियों में रन आउट होने वाले भारत के पहले और दुनिया के 25वें बल्लेबाज बन गए हैं। पार्थिव पटेल ने वर्नन फिलैंडर की एक गेंद गली की दिशा में खेली जिस पर पुजारा और पार्थिव ने आसानी से दो रन ले लिए थे, लेकिन तभी पुजारा ने तीसरे रन की कोशिश की और एबी डीविलियर्स ने थ्रो सीधे विकेटकीपर क्विंटन डी कॉक के हाथों में दी। पुजारा ने डाइव मार कर अपने आप को बचाने की कोशिश की लेकिन तब तक डी कॉक गिल्लियां बिखेर चुके थे। पहली पारी में भी पुजारा रन आउट हुए थे, पहली पारी के 10वें ओवर की चौथी गेंद पर पुजारा ने अपनी पारी की पहली ही गेंद खेली थी। उन्होंने लुंगी एनगीडी की गेंद को मिडऑन की तरफ खेला और रन चुराने की कोशिश की। एनडीगी ने सीधा थ्रो नॉन स्ट्राइक पर मारकर पुजारा को पवेलियन भेज दिया। ऐसे हैरतअंगेज रनआउट पहले भी कई दफ़ा देखने को मिले हैं। पूर्व पाकिस्तानी बल्लेबाज इंज़माम उल हक तो इस मामले में अव्वल रहे हैं। वह वनडे क्रिकेट की 322 पारियों में 38 बार रन आउट हुए। रन आउट होना एक बल्लेबाज के लिए काफी निराशाजनक होता है , बड़ी पारी खेलने में सक्षम खिलाड़ी भी छोटी छोटी गलतियों के कारण अपनी पारी का अंत कर बैठता है। कभी क्रीज़ में पहुंचकर भी पैर हवा में रह जाना , कभी दोनों छोर के बल्लेबाजों के बीच तालमेल ना बैठ पाने के कारण ये समस्या जन्म लेती है। कई बार तो दोनों बल्लेबाज जल्दबाजी में एक छोर की ओर दौड़ने लगते हैं ,जिससे एक को पवेलियन लौटना पड़ता है। ये देखने को भी मिला है , बल्लेबाज शॉट खेलने के चक्कर में क्रीज़ से बाहर हो जाता है जिससे विपक्षी टीम को उसे आउट करने का एक आसान तरीका मिल जाता है। दो छोर के बीच दौड ना पाने की क्षमता भी रन आउट का एक अहम कारण उभर के आता है। इस निराश कर देने वाले आउट होने के तरीके से दिग्गज खिलाड़ी भी नहीं बच पाए हैं। सचिन तेंदुलकर ,वीरेंदर सहवाग , मिस्बाह-उल-हक , रिकी पॉन्टिंग जैसे खिलाड़ी भी इस चक्रव्यूह से अछूते नहीं रहे हैं। नीचे दिए इस वीडियो में आप खिलाड़ियों के आउट होने के इन तरीक़ों को देखकर आनंद उठाइए: