तमिलनाडु प्रीमियर लीग में चैपक सुपर जाइल्स के कप्तान राजगोपाल सतीश ने खुलासा किया कि कैसे उन्होंने घुटने की चोट के बावजूद टूर्नामेंट का फाइनल मैच खेला। उन्होंने बताया कि कैसे लीग मैच में उन्होंने खुद को चोटिल कर लिया और लगभग टूर्नामेंट से बाहर होने वाले थे लेकिन उन्होंने पेन किलर खाकर मैच खेला। आर सतीश ने बताया कि ' मेरे घुटने में तब चोट लगी जब लीग मैच में मैं टूटी पैट्रियोट्स के खिलाफ फील्डिंग कर रहा था। तीसरे मैच के बाद मैं लगभग टूर्नामेंट से बाहर ही हो गया था। पिछले साल हम फाइनल मुकाबले में हार गए थे लेकिन इस साल मैं अपनी टीम के लिए कुछ खास करना चाहता था। मैंने फैसला किया कि मैं पेनकिलर खाकर मैच खेलुंगा और मैंने उस वक्त ट्रीटमेंट नहीं कराने का फैसला किया। मेरे कोच ने भी मुझे ऐसा करने से नहीं रोका' । राजगोपाल ने बताया कि 'घुटने की चोट की वजह से मुझे काफी तकलीफ हुई। मैं स्लॉग नहीं कर सकता था, घुटनों पर आ नहीं सकता था। मैं ठीक तरह से गेंदबाजी भी नहीं कर सकता था। इसलिए मैंने फैसला किया कि मैं नंबर 7 पर बल्लेबाजी के लिए आउंगा। ऊपरी क्रम में युवा बल्लेबाज जिम्मेदारी उठाएंगे। मुझे पता था कि अगर मैं वहां खड़ा रहा तो टीम को गाइड कर सकता हूं। क्रिकेट मेरा पैशन है और फाइनल में जीत काफी सुखद थी" । फाइनल मुकाबले से पहले राजगोपाल पर काफी दबाव था क्योंकि उन्होंने पहले के मैचो में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। वहीं दूसरी तरफ विरोधी टीम टूटी पैट्रियोट्स को चैपक के ऊपर मानसिक बढ़त थी क्योंकि वो चेपक के खिलाफ खेले गए पिछले चारों मैच जीती थी। हालांकि आखिर में सतीश के अनुभव की वजह से चेपक की टीम ने दबाव में बेहतर खेल दिखाया। उन्होंने 16वें ओवर में 2 छक्के जड़कर अपनी टीम को मैच में वापस ला दिया। वसंथ सरवनन ने विजयी रन बनाकर चेपक को चैंपियन बना दिया। चेपक के कप्तान सतीश के जिस घुटने में चोट लगी है उसी घुटने की 10 साल पहले सर्जरी हुई थी। उन्होंने बताया कि वसंथ के साथ उनका तालमेल काफी बढ़िया है क्योंकि वो दोनों काफी समय से साथ में क्रिकेट खेल रहे हैं। सतीश ने बताया कि उन्होंने डेथ ओवरो में युवा गेंदबाज वाशिंगटन सुंदर पर अटैक करने का प्लान बनाया जो कि कामयाब रहा। उन्होंने बताया कि हम दबाव में थे लेकिन हार नहीं मानी। यहां तक कि जब जरुरी रन रेट 10 से ऊपर चला गया तभी भी हम घबराए नहीं और अपने प्लान के मुताबिक खेलते रहे।