फिलैंडर की मुराद रबाडा ने पूरी की

ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच चल रही तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच आज पर्थ क्रिकेट मैदान पर समाप्त हुआ । दूसरी पारी में 539 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए कंगारू टीम 361 रनों पर ढेर हो गई तथा दक्षिण अफ्रीका ने 177 रनों से मैच जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त प्राप्त कर ली । यह टेस्ट मैच दक्षिण अफ्रीका के लिए बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा जिसमें टीम के मुख्य गेंदबाज डेल स्टेन दूसरे दिन कंधे की चोट के कारण मैच से बाहर हो गए । स्टेन के बाहर होने के बाद दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजी की पूरी ज़िम्मेदारी तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा व वर्नन फिलैंडर के कंधो पर आ गई । स्टेन के मैच से बाहर हो जाने के बाद फिलैंडर ने मैच जीतने की इच्छा जाहिर की थी । उन्होने कहा था कि "बड़े खिलाड़ियों को खोना काफी बड़ा झटका होता है । इस मैच में डेल स्टेन के चोटिल हो जाने के बाद मुझ पर और रबाडा पर टीम की गेंदबाज़ी की पूरी ज़िम्मेदारी आ गयी है। डेल स्टेन पहले से ही दक्षिण अफ्रीकी टीम की गेंदबाज़ी का हिस्सा रहे हैं। हम चाहेंगे कि ऑस्ट्रलियाई टीम की बल्लेबाज़ी को हम जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी सस्ते में ही समेट दें। हम इस मैच को डेल स्टेन के लिए जीतना चाहते हैं ।" हालांकि फिलैन्डर गेंद से कमाल नहीं दिखा सके लेकिन उन्होने बल्ले से रंग जमाते हुए दक्षिण अफ्रीका के लिए दूसरी पारी में शानदार 73 रनों की पारी खेली । ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के दौरान रबाडा ने घातक गेंदबाजी का प्रदर्शन किया । उन्होंने 92 रन खर्च कर ऑस्ट्रेलिया के 5 मुख्य बल्लेबाजों को पेवेलियन की राह दिखाते हुए फिलैन्डर की कही हुई बात को सही साबित कर दिया । कगिसो रबाडा ने शॉन मार्श, मिचेल मार्श, स्टीवन स्मिथ, एडम वोजेस तथा मिचेल स्टार्क के विकेट झटके । इस प्रकार फिलैंडर की मुराद पूरी करने में रबाडा ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की । यह भी एक संयोग ही है कि ऑस्ट्रेलिया ने अपनी घरेलू जमीन पर अंतिम बार टेस्ट मैच चार वर्ष पूर्व 2012 में इसी पर्थ क्रिकेट मैदान में ग्रेम स्मिथ की कप्तानी वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम से 309 रन से हारा था । दूसरे शब्दों में कहें तो दक्षिण अफ्रीका की टीम ने अपने चार वर्ष पूर्व के रिकॉर्ड को बरकरार रखा । ऑस्ट्रेलिया व दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मैच 12 नवंबर से होबार्ट में शुरू होगा ।

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