राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का नाम भारत (Team India) के टेस्ट इतिहास में हमेशा महान बल्लेबाजों में शुमार किया जाएगा। भारत ही नहीं राहुल द्रविड़ ने अपने करियर में जिस तरह की बल्लेबाजी की, उन्हें विश्व के महानतम बल्लेबाजों में रखा जाता है। अगर रिकॉर्ड की बात करें तो राहुल द्रविड़ ने अपने 16 साल के करियर में कई कीर्तिमान स्थापित किये।
राहुल द्रविड़ ने टेस्ट करियर में 164 मैच खेलकर 36 शतक लगाये, जिसमें 5 दोहरे शतक भी थे। भारत की तरफ से सबसे पहले पांच दोहरे शतक बनाने का रिकॉर्ड भी राहुल द्रविड़ के ही नाम है। हालांकि बाद में वीरेंदर सहवाग और सचिन तेंदुलकर ने 6-6 दोहरे शतक लगाकर राहुल द्रविड़ के इस रिकॉर्ड को तोड़ा। फिलहाल भारत की तरफ से सबसे ज्यादा दोहरे शतक का रिकॉर्ड विराट कोहली (7) के नाम है।
राहुल द्रविड़ के दोहरे शतकों की ख़ास बात ये है कि हर बार उन्होंने अपने पिछले सर्वाधिक स्कोर को पार किया और उन्होंने अपने सभी दोहरे शतक सौरव गांगुली की कप्तानी में ही बनाये।
यहाँ हम उनके द्वारा बनाये गए सभी दोहरे शतकों पर एक नज़र डालेंगे:
# पहला दोहरा शतक vs ज़िम्बाब्वे, दिल्ली (200*)
उस समय भारतीय टीम बदलाव के दौर में थी और सौरव गांगुली के रूप में भारत को नया कप्तान मिला था। नवम्बर-दिसम्बर 2000 में ज़िम्बाब्वे की टीम भारत के दौरे पर आई थी, जहाँ उन्होंने दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। इस सीरीज का पहला मैच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में खेला गया, जहाँ राहुल द्रविड़ ने अपना पहला दोहरा शतक लगाया था। द्रविड़ ने इस मैच की पहली पारी में नाबाद 200 और दूसरी पारी में 70 रन बनाये और भारत ने मैच 7 विकेट से जीता था।
हालांकि इतनी बेहतरीन बल्लेबाजी के बावजूद इस मैच में राहुल द्रविड़ को मैन ऑफ़ द मैच नहीं चुना गया। मैच में 9 विकेट लेने वाले जवागल श्रीनाथ को यह पुरस्कार मिला था।
# दूसरा दोहरा शतक vs इंग्लैंड, ओवल (217)
राहुल द्रविड़ ने अपना दूसरा दोहरा शतक इंग्लैंड के विरुद्ध 2002 के ओवल टेस्ट में लगाया था। इंग्लैंड की पहली पारी के 515 के जवाब में भारतीय टीम ने 508 रन बनाये थे, जिसमें द्रविड़ का योगदान 217 रनों का था। दूसरी पारी में इंग्लैंड ने 114/0 का स्कोर बनाया और ये मैच ड्रॉ रहा था। भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज को भी 1-1 से बराबर करवाया था।
इस टेस्ट में दोहरा शतक बनाने के लिए न सिर्फ राहुल द्रविड़ को मैन ऑफ़ द मैच चुना गया, बल्कि सीरीज में 602 रन बनाने के लिए मैन ऑफ़ द सीरीज के पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था।
# तीसरा दोहरा शतक vs न्यूजीलैंड, अहमदाबाद (222)
2003 में न्यूजीलैंड की टीम दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत के दौरे पर आई थी। इस सीरीज का पहला मैच अहमदाबाद में खेला गया और भारत को मैच में शिकंजा कसने के बावजूद जीत नसीब नहीं हुई थी। न्यूजीलैंड ने आखिरी दिन ये मैच ड्रॉ करवा लिया था।
भारत ने पहली पारी में 500/5 का मजबूत स्कोर खड़ा किया और पारी घोषित की। इसमें सबसे बड़ा योगदान राहुल द्रविड़ का था, जिन्होंने 222 रनों की लाजवाब पारी खेली थी। उस मैच में भारत के कप्तान सौरव गांगुली ने भी शतक जड़ा था। न्यूजीलैंड ने भारत के 500 के जवाब में 340 रन बनाये। दूसरी पारी ने भारत ने 209/6 का स्कोर बनाकर पारी घोषित की और न्यूजीलैंड को जीत के लिए 370 रनों का लक्ष्य दिया, जिसके जवाब में मेहमान टीम का स्कोर 272/6 रहा।
राहुल द्रविड़ ने मैच की दूसरी पारी में भी 73 रन बनाये और टेस्ट में 295 रन बनाने के लिए उन्हें मैन ऑफ़ द मैच चुना गया।
# चौथा दोहरा शतक vs ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड (233)
यह राहुल द्रविड़ के करियर का सबसे बेहतरीन टेस्ट प्रदर्शन था। भारतीय टीम चार टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थी। पहला टेस्ट भारत ने सौरव गांगुली के शानदार शतक की बदौलत ड्रॉ करवा लिया था और दूसरा टेस्ट खेलने दोनों टीमें एडिलेड पहुंची। ऑस्ट्रेलिया ने इस टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करते हुए 556 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था और जवाब में जब भारत का स्कोर 85/4 हो गया तो उनके हार की चर्चाएं शुरू हो गई थी।
लेकिन यहाँ से भारतीय उप-कप्तान राहुल द्रविड़ ने एक ऐसी पारी खेली कि ऑस्ट्रेलिया वाले हक्के-बक्के रह गए। द्रविड़ ने वीवीएस लक्ष्मण के साथ 303 रनों की बेमिसाल साझेदारी निभाई और भारत ने पहली पारी में 523 रन बना डाले। इसमें द्रविड़ का योगदान 233 रनों का था और यह ऑस्ट्रेलिया में किसी भी विदेशी बल्लेबाज द्वारा खेली गई सर्वश्रेष्ठ पारियों में गिनी जाती है।
दूसरी पारी में अजीत अगरकर के 6 विकेटों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 196 रनों पर सिमट गई और भारत को जीत के लिए 230 रनों का लक्ष्य मिला। द्रविड़ ने दूसरी पारी में भी शानदार बल्लेबाजी का सिलसिला जारी रखा और 72 रनों की नाबाद पारी खेल भारत को 4 विकेट से जीत दिलाकर सीरीज में 1-0 से आगे कर दिया।
टेस्ट में 305 रन बनाने के लिए राहुल द्रविड़ को मैन ऑफ़ द मैच चुना गया। सीरीज के चार टेस्ट में द्रविड़ ने 619 रन बनाये थे और उन्हें मैन ऑफ़ द सीरीज भी चुना गया था।
# पांचवां दोहरा शतक vs पाकिस्तान, रावलपिंडी (270)
राहुल द्रविड़ ने अपना आखिरी दोहरा शतक 2004 में भारत के ऐतिहासिक पाकिस्तान दौरे पर लगाया था। भारतीय टीम पांच एकदिवसीय और तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने पाकिस्तान गई थी। एकदिवसीय सीरीज में 3-2 से जीत हासिल करने के बाद भारत ने मुल्तान में खेला गया पहला टेस्ट वीरेंदर सहवाग ने शानदार तिहरे शतक की बदौलत पारी और 52 रनों से जीता था। लेकिन दूसरे टेस्ट में पाकिस्तान ने वापसी की और 9 विकेट से भारत को हराकर सीरीज को 1-1 की बराबरी पर ला दिया।
तीसरा और आखिरी टेस्ट रावलपिंडी में खेला गया और पहली पारी में पाकिस्तान महज़ 224 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। जवाब में वीरेंदर सहवाग के पहली ही गेंद पर आउट होने से भारत को झटका लगा लेकिन पहले दो टेस्ट में भारत के कप्तान रहे राहुल द्रविड़ का इस मैच में इरादा कुछ और ही था। उन्होंने अपनी शानदार बल्लेबाजी को इस ऐतिहासिक दौरे के आखिरी मैच के लिए बचाकर रखा था।
सहवाग के आउट होने के बाद द्रविड़ ने एक क्षोर संभाला और अपना पांचवां दोहरा शतक लगाया। इस दोहरे शतक के साथ उन्होंने भारत की तरफ से सबसे ज्यादा दोहरे शतक बनाने के मामले में सुनील गावस्कर को पीछे छोड़ा था। इस पारी में उन्होंने पहली बार टेस्ट क्रिकेट में 250 का आंकड़ा पार किया और उनके पास तिहरा शतक बनाने का बहुत ही बेहतरीन मौका था, लेकिन दूसरे छोर पर अंत में विकेट गिरने के कारण द्रविड़ भी तेज बल्लेबाजी के दबाव में आ गए और 270 के स्कोर पर आउट हो गए।
भारत ने उनकी इस पारी के बदौलत 600 रन बनाये और पाकिस्तान को टेस्ट में एक पारी और 131 रनों से मात देकर सीरीज पर 2-1 से कब्ज़ा कर लिया। दूसरी पारी में पाकिस्तान की टीम 245 रन बनाकर ऑल आउट हो गई थी। राहुल द्रविड़ को अपने सर्वाधिक स्कोर के लिए मैन ऑफ़ द मैच चुना गया।