अंडर 19 भारतीय टीम और भारत ‘A’ को कोचिंग देने वाले पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने जूनियर खिलाड़ियों को परिणामों पर ध्यान नहीं देने की सलाह दी है। उनके अनुसार इस स्तर पर खिलाड़ियों को खेल में आने वाले फाइनल नतीजे की बजाय तकनीक में सुधार करने के लिए एकाग्र होना चाहिए। इसी कड़ी में द्रविड़ ने आगे कहा “आपको फ्लॉप होने के बाद सही फीडबैक मिलता है तो आप वापस सही दिशा में जाते हैं। मेरी नजर में, सफलता के बाद आपको उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए, खासकर इस उम्र में। जब मैं शुरुआत में खेलता था, तब मुझे परिणाम पर नहीं सोचने के लिए कहा जाता था। यह सब सीखने के लिए था।“ पिछले वर्ष द्रविड़ को अंडर 19 भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया गया था, तब से वे युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। आईपीएल की टीम राजस्थान रॉयल्स के मेंटर भी राहुल द्रविड़ रह चुके हैं तथा दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए भी उन्होंने यह ज़िम्मेदारी निभाई है। युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने में द्रविड़ ने खास भूमिका अदा की है। 2017 के आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के पास ऋषभ पंत, करुण नायर, संजु सैमसन और श्रेयस अय्यर जैसे युवा खिलाड़ी होंगे। भारत की अंडर 19 टीम अभी इंग्लैंड की अंडर 19 टीम के साथ अनाधिकारिक 5 एकदिवसीय मैचों की सीरीज खेल रही है। इसके अलावा 2 अनाधिकारिक टेस्ट मैच भी खेले जाएंगे। पहले वन-डे में हारने के बाद द्रविड़ के शिष्यों ने दूसरा मैच जीतकर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली। द्रविड़ कुछ उन चुनिन्दा भारतीय खिलाड़ियों में से हैं, जिन्होंने भारत और विदेश दोनों जगह सफलताएं अर्जित की है। क्रिकेट की दीवार कहे जाने वाले द्रविड़ ने आने वाले वन-डे मैचों के लिए क्यूरेटर से हरी घास वाली विकेट बनाने का निवेदन किया है। द्रविड़ टीम के मनोबल को लेकर निश्चित है तथा उन्हें विदेशों में खेलने के लिए तैयार कर रहे हैं। तीसरा अनाधिकारिक वन-डे मैच 3 फरवरी से खेला जाएगा। इसके बाद दो मैच और शेष रहेंगे। यह कहा जा सकता है कि अगले वर्ष होने वाले विश्वकप को ध्यान में द्रविड व्यक्तिगत प्रदर्शन की बजाय टीम एफर्ट पर तवज्जो देंगे।