सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए), खिलाड़ियों के लिए काउंसलिंग प्रोग्राम करवाएगी, जिसमें उन्हें सही तरह से व्यवहार करने और बोलने के बारे में बताया जाएगा। इस कार्यक्रम में सभी आयु वर्ग के भारतीय खिलाड़ियों को शामिल किया जाएगा। भारत के पूर्व कप्तान और जूनियर टीम के कोच राहुल द्रविड़ की निगरानी में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी बेंगलुरु में इस कार्यक्रम का आयोजन होगा।
भारतीय खिलाड़ी हार्दिक पांड्या और केएल राहुल के विवाद को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। इसके तहत राष्ट्रीय स्तर की सभी टीमें व इंडिया 'ए' के खिलाड़ियों को इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना होगा।
राहुल द्रविड़ ने पांड्या और राहुल के संदर्भ में टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि, " खेल के बाद मस्ती करना भी महत्वपूर्ण है, और मेरे बारे में यह गलत धारणा है कि मैने कभी मस्ती नहीं की हैं। जब आप देश का प्रतिनिधित्व करते हैं तो लोग आपको पहचानते हैं, आपका मार्ग दर्शन करते हैं। आपकी कुछ जिम्मेदारी बनती है, जिसको ध्यान में रखकर आपको गलत कदम उठाने से बचना होगा।
द्रविड़ ने आगे कहा कि यह आज के युवाओं के लिए कठिन है, जिन्हें सोशल मीडिया का सामना करना पड़ता है। इसके साथ आने वाली सकारात्मकता से तो लाभ मिलता है, लेकिन साथ ही साथ इसके दुष्परिणाम भी देखने को मिलते हैं। "मैं उस युग में बड़ा हुआ था जब यह (सोशल मीडिया) मेरे आसपास नहीं था। मेरे लिए, यह कोई मुद्दा नहीं है। मुझे लगता है कि यह एक सवाल है कि आप इसे कैसे जिम्मेदारी से उपयोग करते हैं। बस जिम्मेदार बनें और खुद से पूछें कि क्या यह सही है? आपको जवाब मिलेगा।"
द्रविड़ ने सोशल मीडिया के बारे में अपने विचार स्पष्ट किए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आपकी उपलब्धियों को बढाने में मदद करता है। आपको इसका समझदारी से चयन करना होगा। साथ ही उनका मानना है कि शिक्षा हर मनुष्य के लिए जरूरी है और शिक्षित होने का अर्थ डिग्री लेने से नही बल्कि सीखने और समझने से है।
राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में अपनी जिम्मेदारी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा " हमने अंडर-19 के लड़कों के साथ मीडिया की चुनोतियों को लेकर कुछ कार्यक्रम किए। खिलाड़ियों की मनोदशा जाँचने के लिए मनोवैज्ञानिक का भी सहारा लिया। हम खिलाडियों की वित्तीय योजना जैसे विषयों पर भी बात करते हैं।"
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