भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने अपना पहला टेस्ट शतक जोहानसबर्ग में लगाया था और अब कोच के तौर पर एक बार फिर से वो उसी मैदान में हैं। द्रविड़ ने जोहानसबर्ग में अपने पहले टेस्ट शतक को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अब कोच के तौर पर वो मुकाबला जीतना चाहते हैं और ये उनके लिए एक अलग फीलिंग होगी।
राहुल द्रविड़ ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जोहानसबर्ग में ही लगाया था। द्रविड़ ने कहा कि उन्हें अभी भी याद है कि बारिश की वजह से भारतीय टीम वो मुकाबला जीत नहीं पाई थी और इससे वो काफी निराश हुए थे। उनके मुताबिक उस शतक की वजह से उन्हें अपने पूरे करियर के लिए काफी कॉन्फिडेंस मिला।
राहुल द्रविड़ ने 1997 में खेले गए उस मुकाबले की पहली पारी में 148 रन बनाए थे और भारतीय टीम 410 रनों का स्कोर बनाने में कामयाब रही थी। तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ के पांच विकेटों की बदौलत भारतीय टीम ने लीड भी हासिल कर ली थी। इसके बाद दूसरी पारी में भी द्रविड़ ने 81 रन बनाए थे। हालांकि मैच के आखिरी दो दिन बारिश आ गई थी और इसी वजह से मुकाबला ड्रॉ हो गया था।
उस टेस्ट शतक से मुझे काफी कॉन्फिडेंस मिला था - राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा,
मुझे याद है कि बारिश हो रही थी और उसी वजह से हम मैच नहीं जीत पाए थे। इंटरनेशनल प्लेयर के तौर पर पहला टेस्ट शतक लगाना काफी शानदार था। इससे आपको काफी कॉन्फिडेंस मिलता है। मुझे अपने पूरे करियर के लिए काफी आत्मविश्वास मिला। हालांकि हम इस बात से निराश थे कि चौथे और पांचवें दिन बारिश हो गई और हमारे पास मैच को जीतने के लिए ज्यादा ओवर्स नहीं बचे थे। जवागल श्रीनाथ जैसे गेंदबाज उस टीम में थे लेकिन जितनी गहराई इस वक्त टीम में है उतनी तब नहीं थी। इसके बावजूद हम वो मुकाबला जीतने के बेहद करीब आ गए थे।