पूर्व भारतीय कप्तान और बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने किसी भी नये विवाद से बचने के लिए अंडर-19 की टीम चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने से मना कर दिया है। द्रविड़ का बीसीसीआई के साथ 10 महीने का अनुबंध आईपीएल से ठीक पहले समाप्त हो गया था, जिसके बाद से वो भारतीय अंडर-19 और इंडिया 'ए' के कोच नहीं रहे। बीसीसीआई के एक प्रतिनिधि ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि राहुल द्रविड़ ने बीसीसीआई को सूचित किया है कि वो अभी किसी भी विवाद में नहीं पड़ना चाहते, इसलिए वो चयन प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे। उनका अनुबंध अभी तक नहीं बढ़ाया गया है, जिस वजह से वो अभी टीम के कोच नहीं है। इसलिए उनका किसी भी मीटिंग में हिस्सा सही नहीं होगा। 44 वर्षीय पूर्व कप्तान को बीसीसीआई ने जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ अंडर-19 मैचों के लिए होने वाली चयन समिति की मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए बुलावा भेजा था, जिसके लिए उन्होंने साफ़ मना कर दिया। बीसीसीआई की प्रशासक समिति (CoA) ने साफ कर दिया है कि अब से भारतीय राष्ट्रीय कोचों का कार्यकाल 2 वर्षों का होगा और वह इस दौरान किसी भी अन्य टीम के साथ नहीं जुड़ सकते, जिसमें आईपीएल भी शामिल है। द्रविड़ 31 मार्च को बीसीसीआई के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ जुड़े थे। रामचन्द्र गुहा के बीसीसीआई की कमिटी से हटने के बाद से ही 'हितों के टकराव' का मामला तूल पकड़ रहा था, जिससे द्रविड़ भी अछूते नहीं रह पाए। अपने ऊपर लग रहे आरोपों से परेशान होकर उन्होंने बीसीसीआई को पत्र लिखकर मामला साफ करने को कहा था, जिस पर बीसीसीआई ने जवाब दिया कि "पूर्व कप्तान ने किसी भी अनुबंध का उल्लंघन नहीं किया है"। बीसीसीआई फिर से द्रविड़ को ही अंडर-19 और इंडिया 'ए' के कोच की जिम्मेदारी दे सकती है, फिर भी और किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए द्रविड़ ने मीटिंग में नहीं आने का फैसला लिया है।