भारतीय अंडर 19 टीम के कोच राहुल द्रविड़ और टीम मैनेजमेंट ने युवा खिलाड़ियों का यो-यो टेस्ट न करवाने का फैसला लिया है। मलेशिया में होने वाले यूथ एशिया कप में चयन के लिए मैनेजमेंट ने यो-यो टेस्ट को पैमाना नहीं रखा है। एनसीए के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय टीम के ट्रेनर ने युवा खिलाड़ियों का यो-यो टेस्ट न करवाने का फैसला लिया और साथ ही टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने बताया कि जूनियर क्रिकेट में यो-यो टेस्ट की जरूरत नहीं है। युवा खिलाड़ियों को फ़िलहाल अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। रतलब है कि बीसीसीआई ने भारतीय सीनियर टीम में चयन के लिए यो-यो टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है। जो भी खिलाड़ी इस टेस्ट को पास करेगा, वही टीम में शामिल होने का हकदार होगा। यो-यो टेस्ट किसी भी खिलाड़ी की फिटनेस लेवल को मापने का एक पैमाना है और भारतीय टीम में चयन के लिए खिलाड़ियों को 19.2 का स्कोर हासिल करना जरूरी है। युवराज सिंह और सुरेश रैना को यो-यो टेस्ट में फेल होने के कारण ही भारतीय टीम में फिलहाल जगह नहीं मिल रही है। युवा खिलाड़ियों के लिए यो-यो टेस्ट की अनिवार्यता को हटाकर एक तरह से राहुल द्रविड़ और टीम मैनेजमेंट ने काफी सही काम किया है। खिलाड़ियों पर फिटनेस का अतिरिक्त दबाव डालने से उनके बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर प्रभाव पड़ सकता है। इसी वजह से अंडर 19 स्तर पर खिलाड़ियों के चयन का पैमाना फ़िलहाल फिटनेस न होकर उनका प्रदर्शन ही होना चाहिए, ताकि आने वाले समय में और अच्छे खिलाड़ी उभर कर आ सकें। अंडर 19 एशिया कप का आयोजन 9 नवम्बर से 20 नवम्बर तक मलेशिया में किया जाएगा। भारत के अलावा इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल, यूएई और मेजबान मलेशिया की टीमें हिस्सा लेंगी। पहले इस टूर्नामेंट का आयोजन भारत में ही होने वाला था, लेकिन पाकिस्तान टीम ने भारत आने से मना कर दिया और इस वजह से अब ये टूर्नामेंट में मलेशिया में खेला जाएगा। भारतीय टीम की कमान हिमांशु राणा के पास है और अभिषेक शर्मा उप-कप्तान होंगे।