भारतीय क्रिकेट फ़ैंस से लेकर खिलाड़ियों और आलोचकों के बीच इन दिनों एक सवाल बार-बार आ रहा है, और वह ये कि क्या वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की जगह टेस्ट कप्तान विराट कोहली को तीनों फ़ॉर्मेट का कप्तान बना देना चाहिए ? इस बहस को बल तब और मिल गया था जब टीम इंडिया के पूर्व निदेशक और भारतीय क्रिकेट टीम की कोच की रेस में सबसे आगे चल रहे रवि शास्त्री ने ये कह दिया था कि विराट कोहली हर प्रारूप में एक बेहतर कप्तान हैं। "आप को ये देखना होगा कि भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ये तीन साल कैसे गए हैं, वर्ल्डकप के बाद से भारतीय टीम ने कोई ऐसा प्रदर्शन नहीं किया है जो यादगार हो। अब वक़्त आ गया है कि आपको आगे का सोचना होगा, मैं कहीं से भी धोनी के ख़िलाफ़ नहीं हूं, न उनसे कोई श्रेय छीन रहा हूं। एक खिलाड़ी के तौर पर अभी भी भारत को धोनी की बेहद ज़रूरत है। लेकिन एक कप्तान के तौर पर कोहली अब पूरी तरह तैयार हैं, धोनी को अब इस खेल का मज़ा एक खिलाड़ी के तौर पर लेना चाहिए।" : रवि शास्त्री रवि शास्त्री की इस नसीहत के बाद हर तरफ़ से ये सवाल उठने लगे कि धोनी की जगह अब कोहली को कप्तान बन जाना चाहिए। लेकिन धोनी के साथी खिलाड़ियों को या तो इस सवाल का जवाब देना पसंद नहीं या फिर उन्हें धोनी की कप्तानी पर सवाल उठाना सही नहीं लगता। यही वजह है कि जब युवराज सिंह से मीडिया ने सवाल किया तो वह बिना जवाब दिए नाराज़ हो कर चले गए। कुछ ऐसा ही हाल तब हुआ जब आईपीएल में 8 सालों तक धोनी की टीम का हिस्सा रहे और उनके बेहद क़रीबी माने जाने वाले टीम इंडिया के बल्लेबाज़ सुरेश रैना से ये सवाल किया गया, रैना ने ख़ूबसूरती से इस सवाल से किनारा करते हुए कुछ इस तरह जवाब दिया। "मैं कैसे धोनी के बारे में कह सकता हूं ? आपको धोनी से ही उनके भविष्य के बारे में पूछना चाहिए। वह इस आईपीएल में पुणे से खेल रहे थे और मैं राजकोट से खेल रहा था, ऐसे में मैं कैसे उनके बारे में कुछ कह सकता हूं। मेरी नज़र में धोनी की बहुत इज़्ज़्त है, जितना उन्होंने भारत और चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए किया है वह क़ाबिल-ए-तारीफ़ है।" धोनी की कप्तानी पर उठी ये बहस ख़ुद धोनी ही ख़त्म कर सकते हैं , ज़िम्बाब्वे दौरे पर बल्ले और कप्तानी से प्रदर्शन करते हुए धोनी के पास एक बार फिर अपने आपको साबित करने का मौक़ा होगा।