वेस्टइंडीज के बल्लेबाज रामनरेश सरवन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया

वेस्टइंडीज के बल्लेबाज रामनरेश सरवन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। आज एक कार्यक्रम के दौरान वो इस बात की अधिकारिक पुष्टि कर सकते हैं। सरवन को एक समय वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाजों में शामिल किया जाता है। रामनरेश सरवन ने वेस्टइंडीज के लिए 87 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 15 शतक की मदद से 5842 रन बनाये। 2000 में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ ब्रिजटाउन में अपना डेब्यू किया था और पहली ही पारी में उन्होंने 84 रनों की शानदार पारी खेली थी। 2011 में भारत के खिलाफ उन्होंने ब्रिजटाउन में ही अपना आखिरी टेस्ट खेला। उनक सर्वाधिक स्कोर 291 का रहा जो उन्होंने 2009 में इंग्लैंड के खिलाफ लगाया था। लारा और चन्द्रपॉल के साथ सरवन के ऊपर वेस्टइंडीज के मध्यक्रम की जिम्मेदारी थी और उन्होंने इसे बखूबी निभाया। वेस्टइंडीज के लिए सरवन ने अपना आखिरी मैच 2013 में खेला था। 2000 में ही इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने अपना एकदिवसीय डेब्यू किया और वेस्टइंडीज के लिए 181 एकदिवसीय खेले। इसमें उन्होंने पांच शतक की मदद से 5804 रन बनाये। भारत के खिलाफ 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने अपना आखिरी एकदिवसीय खेला था। इसके अलावा उन्होंने 18 टी20 खेलकर 2 अर्धशतक की मदद से 298 रन बनाये। 2007 वर्ल्ड टी20 में दक्षिण अफ्रीका अपना पहला मैच खेलने वाले सरवन ने 2010 में दक्षिण अफ्रीका के ही विरूद्ध अपना आखिरी टी20 खेला। सरवन ने चार टेस्ट, पांच एकदिवसीय और दो टी20 में वेस्टइंडीज टीम की कप्तानी भी की और 2004 चैंपियंस ट्रॉफी की विजेता टीम का हिस्सा भी थे। उन्होंने उस टूर्नामेंट में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। टेस्ट क्रिकेट में उनका नाम उन कुछ खिलाड़ियों में शामिल है जिन्होंने एक ही ओवर में 6 चौके लगाये। 2006 में मुनाफ पटेल के एक ओवर में उन्होंने ये कारनामा किया था। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के साथ हुए लड़ाई ने उनके अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को काफी प्रभावित किया। 2011 एकदिवसीय विश्व कप में चयनकर्ताओं ने उन्हें फिर से टीम में वापस बुलाया था। इस साल कैरिबियन प्रीमियर लीग में उन्होंने ट्रिनबागो नाइट राइडर्स की तरफ से दो मैचों में शिरकत की थी।

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