रणजी ट्रॉफी 2016- 5 ऐसे युवा खिलाड़ी जिनका रणजी डेब्यू रहा धमाकेदार

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भारत की प्रथम श्रेणी क्रिकेट प्रतियोगिता 'रणजी ट्रॉफी' दुनिया के सबसे पुराने और लंबे क्रिकेट प्रतियोगिताओं में से एक है | इस टूर्नामेंट का नाम इंग्लैंड और ससेक्स के लिए खेलने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी 'रनजीतसिंहजी' के नाम पर रखा गया था | 120 करोड़ की आबादी वाले इस देश में जहां क्रिकेट को एक धर्म की तरह माना जाता है और रोज सुबह उठकर हर युवा क्रिकेट फील्ड की तरह भागता है, ताकि वो दूसरा सचिन तेंदुलकर बन सके, वहां घरेलू मैच में भी प्रतिस्पर्धा बहुत कड़ी होती है | भारत के लिए खेलने का सपना हर युवा खिलाड़ी का होता है, रणजी ट्रॉफी भारतीय टीम में शामिल होने का सबसे करीबी दरवाजा है | चयनकर्ता रणजी ट्रॉफी में प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों का चयन करते हैं | 2016-17 के रणजी ट्रॉफी मैच में 28 टीमों से 700 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं | ऐसे में चयनकर्ताओं के सामने हर एक खिलाड़ी के प्रदर्शन को आंकने की बड़ी चुनौती है | लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे रहे हैं, जिनके लिए ये रणजी सीजन बेहद शानदार रहा है, आइए जानते हैं 5 ऐसे ही युवा खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने धमाकेदार अंदाज में अपना रणजी डेब्यू किया - #1 मुर्तजा ट्रंकवाला मुर्तजा ट्रंकवाला महाराष्ट्र के नासिक के रहने वाले हैं | उन्होंने महाराष्ट्र अंडर-19 और अंडर -23 टीम की कप्तानी भी की है | पिछले कुछ सालों से उन्होंने महाराष्ट्र के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए हैं | कूच बिहार वनडे ट्रॉफी में दाएं हाथ के इस सलामी बल्लेबाज ने एक शतक और एक अर्धशतक लगाकर अपनी शानदार प्रतिभा का नमूना पेश किया | वहीं इस इस टूर्नामेंट के टेस्ट स्पर्धा में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के खिलाफ बेहतरीन दोहरा शतक जड़ा | घरेलू क्रिकेट में अक्सर उन्हें बड़े मैच का खिलाड़ी माना जाता है , वहीं प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी वो सबकी उम्मीदों पर खरा उतरे हैं | मुर्तजा ने अपना रणजी डेब्यू सौराष्ट्र के खिलाफ मैच से किया था | सौराष्ट्र ने उस मैच में 8 विकेट के नुकसान पर 657 रनों का विशाल स्कोर बनाकर पारी घोषित कर दिया | जब महाराष्ट्र के बल्लेबाज बैटिंग के लिए उतरे तो ज्यादातर बल्लेबाज रनों के लिए जूझते हुए नजर आए , लेकिन मुर्तजा एक छोर पर डटे रहे, उन्होंने 139 गेंदों पर 64 रन बनाए | सौराष्ट्र के लिए धर्मेंद्र सिंह जाडेजा और कुशांग पटेल ने 5-5 विकेट लेकर महाराष्ट्र की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया, लेकिन मुर्तजा ने जुझारू पारी खेली, वहीं दूसरी पारी में उन्होंने 227 गेंदों पर 117 रन बनाकर मैच ड्रॉ करा लिया | पहले सत्र में वो जमकर खेले और विकेट पर डटे रहे | उन्होंने अपनी उस पारी में 22 चौके लगाए | जाडेजा ने उन्हें आउट किया | इस तरह से अपने पहले मैच में ही मुर्तजा ने दिखा दिया कि मुश्किल परिस्थितियों में विकेट पर कैसे टिका जाए | निश्चित ही मुर्तजा का रणजी पर्दापण बेहद शानदार रहा | #2 आशुतोष सिंह ashutosh-singh-wi2-1478794853-800 जनवरी 2016 में आशुतोष सिंह ने मध्य प्रदेश के लिए असम के खिलाफ सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया | उन्होंने गेंदबाजी में 3 ओवर में 12 रन देकर 1 विकेट चटकाए | जब वो बल्लेबाजी के लिए उतरे तो आपसी तालमेल की कमी की वजह से महज 8 रन बनाकर रन आउट हो गए | हालांकि जब छत्तीसगढ़ के लिए उन्होंने अपना रणजी डेब्यू किया तो पहले ही मैच में शानदार शतक लगाया | उन्होंने त्रिपुरा के खिलाफ झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के मैदान रांची में दूसरे दिन 140 रन बनाए | उनके शतक की वजह से उनकी टीम मजबूत परिस्थिति में थी | वो ऐसे समय बल्लेबाजी के लिए उतरे जब छत्तीसगढ़ की टीम महज 6 रन पर 2 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी | उन्होंने ऋषभ तिवारी और मोहम्मद कैफ के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया | तिवारी जहां पहले ही दिन आउट हो गए वहीं कैफ और मंडल दूसरे दिन के पहले सेशन में आउट हो गए | लंच तक छत्तीसगढ़ ने अपना एक और विकेट गंवा दिया | चाय काल तक आशुतोष 91 रनों पर खेल रहे थे , बारिश की वजह से रुकावट के बाद जैसे ही खेल शुरु हुआ छत्तीसगढ़ के 3 और बल्लेबाज शकीब अहमद, सुमित रुईकर और प्रतीक सिन्हा भी आउट हो गए | 212 रनों पर छत्तीसगढ़ की टीम अपने 9 विकेट गंवा चुकी थी, ऐसे में सबको लगा कि क्या आशुतोष अपना शतक पूरा कर पाएंगे, लेकिन आशुतोष ने फाइन लेग पर फ्लिक करके 233 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया | आशुतोष के बचपन का सपना पूरा हुआ | अपने पहले रणजी मैच में शतक लगाने के बाद उन्होंने जमकर जश्न बनाया | #3 पंकज शॉ th08ranji_2727992a_2727993f-1478794951-800 बंगाल के इस 28 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने पहले मैच में राजस्थान के खिलाफ शानदार अर्धशतक लगाया | जिसकी वजह से पहली पारी के 8-4 के स्कोर के कारण बंगाल ने 3 अंक अर्जित किए | राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 198 रन बनाए, बारिश के कारण पहले 2 दिनों का खेल नहीं हो पाया | जवाब में बैटिंग करने उतरी बंगाल की टीम ने 90.3 ओवरों में 282 रन बनाए , पंकज सिंह ने उस मैच में 3 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 66 गेंदों पर 52 रन बनाए | 152 रनों पर रिद्धिमान साहा के रुप में 5वां विकेट गिरने के बाद पंकज बल्लेबाजी के लिए उतरे | 190 रनों के स्कोर पर बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी भी चलते बने | लीड टालने के लिए बंगाल को अभी भी 9 रनों की जरूरत थी और 4 विकेट बचे थे | इस नाजुक मौके पर पंकज ने अपनी टीम को संकट से निकाला और पूर्व अंडर-19 खिलाड़ी आमिर गनी के साथ मिलकर 45 रन जोड़े और अपनी टीम को 3 महत्वपूर्ण अंक दिलाया | पंकज बंगाल की अंडर-19 और अंडर 22 टीम का भी हिस्सा रहे |#4 एन जगदीशन newsimage1472752705-1472755859-800-1478795067-800 तमिलनाडु प्रीमियर लीग के विस्फोटक बल्लेबाज एन जगदीशन ने क्रिकेट के लंबे फॉर्मेट रणजी ट्रॉफी में शानदार डेब्यू किया | मध्य प्रदेश के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में इस विकेटकीपर बैट्समैन ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक नाबाद 118 रन बनाए | वहीं कौशिक गांधी के साथ मिलकर उन्होंने छठे विकेट के लिए 90रनों का साझेदारी भी की | 8 साल के लंबे अंतराल के बाद तमिलनाडु के किसी भी बल्लेबाज ने अपने डेब्यू रणजी मैच में शतक लगाया | एन जगदीशन ने शतक पूरा करने के बाद उत्साह में हवा में अपनी मुट्ठियों को पंप अप किया, जबकि तमिलनाडु की पूरी टीम ने खड़े होकर इस होनहार बल्लेबाज को बधाई दी | दर्शकों को एन जगदीशन भविष्य के नए स्टार की तरह लगे | कोयंबटूर के इस बल्लेबाज ने तमिलनाडू के लिए अंडर-14, अंडर-19, अंडर-22 और अंडर-23 और अंडर-25 टीम में खेला | वहीं तमिलनाडू प्रीमियर लीग के पहले सीजन में उन्होंने 8 पारियों में सबसे ज्यादा 397 रन बनाए | #5 अमित कुईला bengal-team-practice-1478795529-800 रणजी ट्रॉफी में A ग्रुप में बंगाल और पंजाब के बीच खेले गए मैच में अमित कुईला ने शानदार स्पेल डालकर अपनी टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया | खड़गपुर के इस 21 साल के गेंदबाज ने 44 रन देकर 3 विकेट लिए, जिससे स्टंप के समय पंजाब का स्कोर 4 विकेट पर 168 रन हो गया | अमित के लिए ये किसी सपने के सच होने जैसा था, क्योंकि प्रथम श्रेणी क्रिकेट तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा | अमित के पिता एक सीमेंट फैक्ट्री में काम करते थे लेकिन राजनीतिक कारणों की वजह से कुछ साल पहले उनकी नौकरी चली गई | लेकिन अमित के दृढ़ इरादों ने दम नहीं तोड़ा और वो रणजी मैच तक पहुंचकर ही रहे | छत्तीसगढ़ के खिलाफ अंडर-23 क्रिकेट में शानदार बॉलिंग प्रदर्शन के बाद उन्हें एमआरएफ पेस फाउंडेशन भेजा गया, जहां उनकी प्रतिभा में और निखार आया | लेकिन उसके बाद चोट की वजह से वो एक साल तक क्रिकेट से दूर रहे | हालांकि KSCA टूर्नामेंट में शानदार बॉलिंग प्रदर्शन के बाद उन्हें रणजी टीम में चुन लिया गया | कुइला को अपने डेब्यू रणजी मैच की पहली ही गेंद पर विकेट मिला |