# 3 विकास मिश्रा, दिल्ली
एक और बाएं हाथ का स्पिनर जिसने घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रगति की है, विकास मिश्रा ने अपना नाम बनाने में काफी समय लिया। दिल्ली के लिए 2009-10 के रणजी ट्रॉफी सत्र से शुरुआत के बाद वह 2012 के एशिया कप में दुलीप ट्रॉफी में उत्तरी जोन और भारत अंडर -1 9 के लिए भी मैच खेले। उस टूर्नामेंट में मेजबान टीम के खिलाफ 4/18 का प्रदर्शन करते हुए भारत के फाइनल में प्रवेश में अहम भूमिका निभाई थी। आगामी घरेलू सीजन में उनके छिटपुट प्रदर्शन थे, लेकिन इस बार जब वे फिर से दिल्ली लौट गए तब उन्होंने रेलवे के खिलाफ 7 विकेट, महाराष्ट्र के खिलाफ 5, हैदराबाद के खिलाफ 9 और क्वार्टर फाइनल में मध्य प्रदेश के खिलाफ 8 विकेट लेकर अपना प्रभाव छोड़ा। वह इस साल विकेट लेने वालों की सूची में छठे स्थान पर थे।
# 4 आर संजय, विदर्भ
8 टेस्ट मैचों में 66.81 के औसत से 735 रनविदर्भ के लिये तीन वर्षों में अपने पहले 10 प्रथम श्रेणी के मैचों में संजय के नाम एक शतक और चार अर्धशतक के साथ 26.95 की मामूली औसत से 485 रन थे। सिर्फ अगले 8 मैच के बाद - वर्तमान सत्र में उन्होंने 3 शतक और दो अर्धशतकों के साथ 735 रन जोड़े दिए हैं। अपने कप्तान और ओपनिंग पार्टनर फैज़ फजल के साथ संजय ने न केवल विपक्षी टीमों को हताश करते हुए एक साथ लंबी साझेदारियाँ की हैं, बल्कि दोनों ने अब तक पहले विकेट के लिए दो बार 250 से अधिक रन बनाए हैं । साथ ही 2017-18 सत्र के शीर्ष पांच रन बनाने वालों की सूची में भी शामिल हैं। 22 साल के इस खिलाड़ी को रणजी में अगले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय टीम की ओर से भी खेलने का अवसर प्राप्त हो सकता है।