# 5 रजनीश गुरबानी, विदर्भ

विदर्भ जैसी कम आंके जाने वाली टीम की ओर से चमकने वाले नामों में से एक, दाएं हाथ के तेज गेंदबाज रजनीश गुरबानी ने अपना रणजी करियर पिछले सत्र में शुरू किया था, हालांकि उनके लिस्ट-ए करियर की शुरुआत एक साल पहले हुई थी। अपने पहले सत्र में गुरबानी ने 25.77 की औसत से 13 विकेट हासिल किए थे। लेकिन इस साल उन्होंने 31 विकेट लेते हुए पहले से दोगुने विकेट हासिल किये और वो भी सिर्फ 16.67 की औसत से। अपनी सटीकता और गति के चलते गुरबानी ने अपने अंतिम पांच प्रयासों में अब चार बार पाँच विकेट हासिल किये हैं, जिनमें से दो सेमीफाइनल में कर्नाटक जैसे एक मजबूत बल्लेबाज़ी क्रम के खिलाफ हैं। 5/94 और 7/68 के योगदान के साथ उन्होंने विदर्भ को टूर्नामेंट को जीतने के उम्मीदवारों में ला खड़ा किया। भारत के तेज गेंदबाज उमेश यादव के साथ गुरबानी ने टीम में सीखा है और अच्छे गेंदबाज़ बनकर उभरे हैं, जिसके लिये वह पूर्व भारतीय क्रिकेटर और विदर्भ में उनके कोच चंद्रकांत पंडित को श्रेय देते है।
# 6 हरप्रीत सिंह, मध्य प्रदेश
7 मैच में 69.89 की औसत से 629 रनमध्य प्रदेश के बल्लेबाज़ हरप्रीत सिंह एकमात्र ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने सीजन के सभी 7 मैच खेले हैं। हालांकि क्वार्टर फाइनल में टीम को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन हरप्रीत ने 70 की औसत से 629 रन बनाये जिसमें दो शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। जब भी टीम को जरुरत रही उन्होंने सबसे आगे बढ़ कर प्रदर्शन किया। उन्होंने आखिरी-8 के मैचों में 107 नाबाद और 78 रन की पारी खेली जो नवदीप सैनी और कुलवंत खेजरोलिया जैसे गेंदबाज़ों वाली दिल्ली के गेंदबाजी लाइन-अप के विरुद्ध आयी थी। हालांकि यह प्रदर्शन काम नही आया, फिर भी हरप्रीत ने इस सत्र में अपने प्रदर्शन से सभी का धयान अपनी ओर खींचा है।