रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में विदर्भ ने इतिहास रचते हुए दिल्ली को मैच के चौथे दिन 9 विकटों से हरा दिया और पहली बार रणजी ट्रॉफी का ख़िताब अपने नाम किया। पहले दिन से ही विदर्भ ने दिल्ली पर शिकंजा कसा हुआ था, जो मैच के आखिरी दिन तक देखने को मिला। दिल्ली ने ऋषभ पंत की कप्तानी में 10 साल बाद रणजी के फाइनल का सफ़र तय किया। मैच के बाद फाइनल में मिली हार को लेकर दिल्ली के युवा कप्तान ऋषभ पंत ने पूरे सत्र अच्छा खेलने को लेकर टीम की तारीफ की और साथ ही भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज गौतम गंभीर का भी कप्तानी में मदद करने को लेकर धन्यवाद किया। दिल्ली रणजी टीम के कप्तान ऋषभ पंत ने मैच के बाद कहा, "मैंने पहले भी कहा था कि कोई टीम अच्छा खेलती है, तो क्रिकेट की भी जीत होती है। यह हमारे लिए एक ख़राब फाइनल मुकाबला था लेकिन पूरे सत्र के दौरान टीम ने बेहरतीन क्रिकेट खेला। टीम की कप्तानी करना मेरे लिए एक बेहरतीन अनुभव रहा, जिसके लिए मैं डीडीसीए और गौतम गंभीर का धन्यवाद करना चाहता हूँ। दिल्ली क्रिकेट मौजूदा समय में शानदार चल रहा है, हम हर स्तर पर जीतने की कोशिश में हैं। इस सीजन के दौरान टीम के कोच और स्टाफ ने हमारा अच्छा साथ दिया लेकिन मैं इस फाइनल मुकाबले में मिली हार के लिए सभी से माफ़ी मांगना चाहता हूँ।" ऋषभ पंत ने टीम की हार के बाद माफ़ी मांगी और साथ ही टीम की कप्तानी में मदद करने का धन्यवाद पूर्व भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभीर को दिया। दिल्ली के कप्तान के साथ ही विजेता टीम के कप्तान फैज फैजल ने भी विदर्भ टीम की सरहाना की और कहा कि यह जीत किसी सपने से कम नहीं थी लेकिन यह सपना आज सच हो गया। हमने रणजी ट्रॉफी शुरू होने से एक महीने पहले इस ख़िताब को जीतने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी थी। इस सत्र के दौरान हमारे गेंदबाजों के साथ अनुभवी और युवा बल्लेबाजों के तालमेल से सभी ने बेहरतीन प्रदर्शन किया। विदर्भ ने मैच के चौथे दिन दिल्ली को जल्द से जल्द समेट दिया और 29 रनों का मिला आसान सा लक्ष्य एक विकेट के गिरते प्राप्त कर लिया। टीम के लिए विजयी चौका पूर्व दिग्गज भारतीय बल्लेबाज वसीम जाफ़र ने लगाया और अपनी टीम को रणजी ट्रॉफी 2017-18 सत्र का विजेता बनाया।