रणजी ट्रॉफी के दूसरे राउंड की शुरुआत सोमवार से हो चुकी है। इसी कड़ी में दिल्ली की टीम भी हिमाचल प्रदेश से अपने घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला मैदान पर मैच खेल रही थी। इस मैच की एक घटना ने भारतीय टीम के एक दिग्गज खिलाड़ी को नाराज़ कर दिया। अंपायर के गलत निर्णय का शिकार हुए गौतम गंभीर उस समय आग बबूला हो गए जब रिप्ले में नॉट आउट दिखाई देने के बावजूद उन्हें आउट करार दिया गया।
इस मैच में दिल्ली की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। गौतम गंभीर और हितेन दलाल की जोड़ी ने अपनी टीम को शानदार शुरुआत प्रदान की और दोनों ने पहले विकेट के लिए 96 रन की साझेदारी की थी। इस वक्त गौतम गंभीर 44 के निजी स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तभी हिमाचल प्रदेश के कप्तान प्रशांत चोपड़ा ने गेंदबाजी के लिए स्पिनर मयंक डागर को बुलाया।
स्पिन गेंदबाज मयंक डागर ने एक गेंद मिडल स्टम्प की ओर गई, गौतम बचाव करने के लिए आगे आये मगर गेंद गौतम को छकाते हुए शॉर्ट लेग पर खड़े फील्डर की ओर चली गई।
इस पर हिमाचल प्रदेश की टीम ने गंभीर के विकेट के लिए अपील कर दी और अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया। शायद अंपायर का यह निर्णय उचित नहीं था क्योंकि गेंद गंभीर के बैट या ग्लब से काफी दूरी पर थी और थाई पैड से टकरा कर फील्डर के पास गई थी। अंपायर के इस निर्णय पर गंभीर नाराज हो गए और गुस्सा दिखाते हुए पवेलियन की ओर कूच कर गए। गंभीर ने पवेलियन रवाना होते समय स्वभावानुसार कुछ शब्द भी कहे। अब इस दृश्य का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
गंभीर के बाद ध्रुव शौरी (88) ने टीम को संभाला और दिल्ली को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
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