क्रिकेट के खेल में अन्य खेलों के अपेक्षा कप्तान अधिक भूमिका निभाता है। उसे टीम के प्रदर्शन के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जाता है। जब टीम जीत हासिल करती है तो कप्तान की वाहवाही होती है और जब हारती है तो कप्तान को ही सबसे ज्यादा निशाना बनाया जाता है।
शुरुआत से ही एक से बढ़कर एक भारतीय कप्तान रहे हैं जिन्होंने टीम को नये मुकाम तक पहुंचाया है। आज हम उन कप्तानों की बात करेंगे और उनकी रेटिंग देखेंगे , जिन्होंने सन 2000 के बाद भारतीय टीम की कप्तानी की है।
नोट:- इस सूचि में कार्यवाहक कप्तान शामिल नहीं हैं।
सौरव गांगुली (2000-2006) - 8.5/10
90 के दशक के अंत में भारतीय टीम ने मैच फिक्सिंग जैसा बुरा दौर देखा, जिस वजह से कई खिलाड़ियों को टीम से हमेशा के लिए निकाल दिया गया। उस दौरान टीम विदेशी सरजमीं पर सामने वाली टीमों से लड़ भी नहीं पाती थी।
इसके बाद गांगुली को कप्तान बनाया गया। सबसे पहले उन्होंने टीम में सबको एकजुट किया, जिसका असर मैचों पर भी दिखने लगा। टीम विदेश में अच्छा प्रदर्शन करने लगी और मैच भी जीतने लगी।
गांगुली उस कप्तानों में से रहे हैं जिसने अपने भाव खुल कर प्रकट किये। लॉर्ड्स में जीत के साथ गांगुली का टी-शर्ट उतारना इस बात की गवाही देता है। उन्होंने कई युवओं को मौका दिया और उनपर अंत तक भरोसा दिखाते थे। इसी वजह से उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में एक गिना जाता है। गांगुली की कप्तानी में ही भारतीय टीम 2003 विश्वकप के फाइनल तक भी पहुंची थी।
प्रारूप | मैच | जीत | हार | ड्रॉ/कोई परिणाम नहीं | जीत % | ||
टेस्ट | 49 | 21 | 13 | 15 | 42.6 | ||
वन डे | 147 | 76 | 66 | 5 | 51.7 |