करीब 17 वर्षों तक अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद 2007 में अनिल कुंबले को टीम की कप्तानी करने का मौका मिला। जब राहुल द्रविड़ ने कप्तान का पद छोड़ा तो कुंबले को टेस्ट कप्तान बनाने के अलावा बीसीसीआई के पास कोई दूसरा विकल्प ही नहीं था क्योंकि सचिन कप्तान बनने को तैयार ही नहीं थे और धोनी काफी युवा थे। कुंबले ने 14 मैचों में टीम का नेतृत्व किया जिसमें टीम को 3 जीत और 5 का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में मिली जीत उनके कप्तानी में सबसे बड़ी कामयाबी थी। मंकी गेट विवाद के समय कुंबले ने पूरी टीम को सम्भला और एकजुट रखा, पर ज्यादा मौकों पर वो कामयाब नहीं हो पाए। इसलिए वो एक कप्तान से ज्यादा एक गेंदबाज के रूप में जाने जाते हैं।
प्रारूप | मैच | जीत | हार | ड्रॉ/कोई परिणाम नहीं | जीत % | ||
टेस्ट | 14 | 3 | 5 | 6 | 21.5 | ||
वन डे | 1 | 1 | 0 | 0 | 100 |