2016 ख़त्म हो चुका है और आगे 2017 में क्रिकेट के रोमांचक मैचों का आना अभी बाकी है। साल 2016, कई रोमांचक मैचों का साक्षी रहा। पिछले साल कई रिकॉर्ड टूटे, कई रिकॉर्ड बने और कई बेहतरीन क्रिकेट मैच देखने को मिले। कई क्रिकेटर मसलन विराट कोहली, जो रूट, स्टीन स्मिथ, मिशेल स्टॉर्क और क्विंटन डी कॉक अपने बेहतरीन फॉर्म में नज़र आए तो वहीं कई खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से क्रिकेट प्रेमियों को निराश किया। पिछले साल कई नए युवा खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जगत पदार्पण किया और अपने बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी के बेहतरीन खेल से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। आइये डालते है साल 2016 के ऐसे ही टॉप-5 क्रिकेटर्स की रेटिंग लिस्ट पर जिन्होंने टेस्ट मैच में कदन रखते ही क्रिकेट जगत को अपनी ओर आकर्षित कर लिया। # 5 कीटन जेनिंग्स, इंग्लैंड 7/10 बहुत कम ही लोग जानते है कि कीटन जेनिंग्स दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रे जेनिंग्स के बेटे है जो दक्षिण अफ्रीका में पैदा हुए। जेनिंग्स ने डरहम के साथ बेहतरीन सीज़न खेला और 1500 से भी ज्यादा रन बनाए और इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत उन्हें साल का काउंटी क्रिकेटर भी चुना गया। अपने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन की वज़ह से उन्हे भारत दौरे पर आई इंग्लैंड की टीम में आख़िरी दो टेस्ट मैच के लिए चुना गया। हालांकि जेनिंग्स को ये मौका इसलिए भी मिला क्योंकि मोहाली टेस्ट में इंग्लैंड के हसीब हामिद चोटिल हो गए थे। जेनिंग्स ने मुंबई में भारत के ख़िलाफ़ चौथे टेस्ट में अपना पहला मैच खेला और पहली ही पारी में 219 गेंदों में बेहतरीन 112 रन की शतकीय पारी खेली। जेनिंग्स 19वें ब्रिटिश, 8वें ओपनर और दुनिया के 101वें ऐसे क्रिकेटर बन गए जिसने अपने पहले ही मैच में सैकड़ा जमाया। यही नहीं जेनिंग का ये 112 रन का प्रदर्शन भारत के ख़िलाफ़ किसी भी नए ओपनर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। इससे पहले 1974 में बेंगलुरू के मैदान पर गॉर्डन ग्रीनेज़ ने भारत के ख़िलाफ़ 107 रन बनाए थे। हालांकि दूसरी पारी में जेनिंग्स बिना ख़ाता खोले ही पवेलियन लौट गए और इंग्लैंड ये मैच एक पारी और 36 रन से हार गया। जेनिंग्स ने पांचवे और आख़िरी टेस्ट भी खेला जिसमें पहली पारी में तो 1 ही रन बनाए लेकिन दूसरी पारी में 121 गेंद खेल कर 54 रन बनाए। आख़िरी टेस्ट में भी इंग्लैंड में वापसी नहीं कर पायी और जिससे उसे एक पारी और 76 रन की क़रारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। कीटन जेनिंग्स ने दो टेस्ट में अब तक चार पारियां खेली है लेकिन कई अवसरों पर बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया जिससे टीम में उनकी स्थिति मज़बूत ही हुई है। वैसे भी एलिस्टेयर कुक की टेस्ट टीम में जगह संदेहास्पद लग रही है तो ऐसे समय में जेनिंग्स बतौर ओपनर उनकी जगह लेने में सबसे उपयुक्त खिलाड़ी हो सकते है। # 4 हसीब हामिद, इंग्लैंड 7/10 बोल्टन के रहने वाले 19 साल के इस युवा ओपनर बल्लेबाज़ ने भारत के ख़िलाफ़ शुरूआती तीन टेस्ट मैच में बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। 2015 में हामिद ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लंकाशायर में अपना पहला कदम रखा और हामिद माइक एर्थन के बाद लंकाशायर के ऐसे ओपनर बल्लेबाज़ है जिन्होंने भारत में 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ के लिए इंग्लैंड की टीम में अपनी जगह बनाई। हामिद ने राजकोट में हुए अपने पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में 31 रन ही बनाए लेकिन दूसरी पारी में बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड की टीम के लिए 82 रन जोड़े। विशाखापत्नम में हुए दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में 13 रन और दूसरी पारी में बिना कोई रिस्क उठाए 144 खेलकर 25 रन बनाए। हालांकि दूसरा टेस्ट मैच इंग्लैंड 246 रन से हार गया। हामिद ने मोहाली में तीसरा टेस्ट मैच भी खेला लेकिन पहली पारी में ही उनकी उंगली पर चोट लग गई और उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा। मैच में इंग्लैंड की हालत ख़राब थी लिहाज़ा हामिद ने 8वें नंबर पर वापस आकर बल्लेबाज़ी की और 156 गेंदों का डटकर सामना करने के साथ 59 रन की पारी भी खेली। हालांकि हामिद की इस हिम्मत से भी इंग्लैंड यह मैच नहीं बचा पायी। तीसरे टेस्ट के दौरान हामिद की उंगली की चोट बहुत हंभीर थी लिहाज़ा उन्हें वापस इंग्लैंड भेज दिया गया। 19 साल के इस युवा खिलाड़ी ने दृढता से खेल का प्रदर्शन किया और कई लंबे शॉट्स भी लगाए और परिस्थिति के हिसाब से खेलने का ज़ज्बा भी दिखाया। हालांकि हामिद का नेचुरल गेम डिफेंसिव है जिससे वह लंबे समय तक क्रीज़ पर खेलते है। अगर हामिद को आगे भी पर्याप्त मौके मिलता रहा तो जल्द ही वह क्रिकेट जगत का एक सितारा बन सकता है। #3 कोलिन डी ग्रैंडहॉम, न्यूज़ीलैंड- 7.5/10 तीस साल के कोलिन डी ग्रैंडहॉम को टेस्ट क्रिकेट में अपना कदम रखने के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ा और पिछले साल नवंबर में वह समय आया जब कोलिन को क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में खेलने का मौका मिला। हालांकि 2012 में कोलिन ने दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ एक दिवसीय मैच खेलना शुरू कर दिया था। क्राइस्टचर्च में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपने पहले ही टेस्ट मैच में कोलिन घातक गेंदबाज़ी की और पहली पारी में केवल 41 रन देकर 6 विकेट अपने नाम कर लिए जिससे पाकिस्तान की टीम 133 रन पर ही बिखर गई। यहीं नहीं ग्रैडहॉम ने बल्ले के साथ भी अहम योगदान दिया। उन्होंने 37 बॉल में 29 रन ही बनाए लेकिन इस पारी में कई बेहतरीन शॉट्स देखने को मिले। इस मैच में कोलिन को फिर बल्लेबाज़ी का मौका नहीं मिल पाया क्योंकि न्यूज़ीलैंड ने ये मैच 8 विकेट से जीत लिया। अपने पहले ही टेस्ट मैच में बेहतरीन 6 विकेट लेने के लिए उन्हें मैन ऑफ़ द मैच चुना गया। अपने पहले ही मैच में यह अवॉर्ड पाने वाले कोलिन न्यूज़ीलैंड के चौथे ख़िलाड़ी है। हैमिलटन में अपने दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में ग्रैंडहॉम ने 37 रन बनाए और एक विकेट लिया। वहीं दूसरी पारी में भी उन्होंने बल्ले से टीम को 32 रन का योगदान दिया और एक विकेट भी झटका। दूसरा टेस्ट मैच भी न्यूज़ीलैंड ने 138 रन से अपने नाम किया और सीरीज़ में 2-0 की बढ़त ली। 30 साल के इस ख़िलाड़ी में विकेट लेने का क्षमता तो है ही लेकिन साथ ही साथ मध्यम क्रम में बल्लेबाज़ी का भी हुनर है जो जल्दी जल्दी रन बना सकता है। अगर कोलिन ऐसे ही प्रदर्शन करते रहे तो जल्द ही टीम में अपनी जगह पुख्ता कर लेंगे। # 2 जयंत यादव, भारत- 8.5/10 अगर भारतीय टेस्ट टीम में अमित मिश्रा की जगह कोई ले सकता है तो वह जयंत यादव। यादव अपने बल्ले और गेंद दोनों से इस समय बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे है। न्यूज़ीलैंड सीरीज़ के दौरान यादव को अपना खेल दिखाने का बेहद कम मौका मिला इसके बाद घरेलु मैदान पर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच के लिए जयंत को भारतीय टीम में शामिल किया गया। राजकोट में खेले गए पहले मैच में अमित मिश्रा की तबीयत ख़राब होने की वज़ह से विशाखापत्नम में होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के लिए मिश्रा की जगह जयंत को खेलने का मौका दिया गया। हरियाणा के इस खिलाड़ी ने पहली पारी में 35 और दूसरी पारी में नाबाद 27 रन बनाए और इसके अलावा पूरे मैच में चार विकेट भी अपने नाम किए जिसमें से एक पहली पारी में 3 विकेट अगली पारी में लिए। यह मैच टीम इंडिया ने 246 रन से जीत लिया। मोहाली में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में यादव ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय पचासा बनाया और मैच में दो विकेट भी लिए। दूसरा टेस्ट भी टीम इंडिया ने अपने नाम किया और सीरीज़ में 2-0 की बढ़त भी बनाए रखी। हालाकि जयंत यादव ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन वानखेड़े में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में दिखाया जहां उन्होंने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक जमाया और 8वें विकेट के लिए 241 रन की अहम साझेदारी भी की। यादव ने मैच में एक विकेट भी अपने नाम किया। ग़ौरतलब है कि इंडिया ने यह मैच एक पारी और 36 रन से जीत लिया। बाद में चेन्नई टेस्ट मैच के लिए उनकी जगह अमित मिश्रा को फिर से टीम में शामिल किया गया। 26 साल का यह युवा बेहतरीन फॉर्म है जिसने बल्ले और गेंद दोनों से बेहतरीन और अहम प्रदर्शन किया है। हालांकि जयंत मूल रूप से गेंदबाज़ी करते है लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी का हुनर टीम इंडिया के मध्यम क्रम की बल्लेबाज़ी को मजबूती प्रदान कर सकता है। #1 करूण नायर, भारत- 9/10 25 साल की उम्र में चेन्नई के मैदान पर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ बेहतरीन और नाबाद 303 रन बनाने वाले करूण नायर अचानक की क्रिकेट जगत की सनसनीखेज़ ख़बर बन गए। नायर ने अपने पहले दो टेस्ट मैच ज्यादातर ड्रेसिंग रूम ही बिताए। मोहाली में तीसरे टेस्ट के दौरान नायर को चोटिल आजिक्ये रहाणे की जगह टीम में लिया गया। जिन्हें अगले दो मैच तक आराम करने की सलाह दी गयी थी। नायर ने पहली पारी में केवल चार ही रन बनाए और दूसरी पारी में उन्हें खेलने का मौका ही नहीं मिला क्योंकि भारत ने 8 विकेट से मैच जीत लिया। चौथे टेस्ट में भी नायर कुछ ख़ास नहीं कर पाए केवल 13 रन ही बनाए। चेन्नई में खेले गए पांचवे और आख़िरी टेस्ट मैच में करूण नायर जब क्रीज़ पर आए तो केएल राहुल इंग्लैंड के गेंदबाज़ों की खूब धुनाई कर रहे थे। दोनों ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 161 रन की साझेदारी की लेकिन राहुल 199 रन पर आउट हो गए और 1 रन से अपना दोहरा शतक चूक गए। राहुल के आउट होने के बाद नायर ने इंग्लैंड के गेंदबाज़ों की क्लास लेना शुरू कर दी। सहवाग के बाद करूण नायर ऐसे दूसरे भारतीय खिलाड़ी है जिन्होंने ट्रिपल सेन्चुरी लगाया है और ऐसे पहले भारतीय ख़िलाड़ी भी बन गए है जिन्होंने अपना पहला शतक ही तीहरे शतक में बदला है। 381 गेंदों में नाबाद 303 रन बनाने वाले नायर की ये पारी टेस्ट जगत की चौथी सबसे तेज़ पारी है। इस ऐतिहासिक पारी खेल की बदौलत 25 साल के नायर को मैन ऑफ़ द मैच का ख़िताब दिया गया। मीडिया ने नायर के इस ट्रिपल सेन्चुरी की बदौलत उन्हें क्रिकेट जगत का उभरता सितारा बना दिया, जिसके बाद क्रिकेट के दिग्गज़ ख़िलाड़ियों से उनकी तुलना भी होने लगी। ख़ैर अगर नायर अपने फॉर्म को इसी तरह आगे भी बरकरार रखते है तो भविष्य में वह दुनिया के दिग्गज़ बल्लेबाज़ों की फेहरिस्त में शामिल हो सकते है।