'पिछले 12 महीनों में सबसे अधिक सुधार केएल राहुल के खेल में दिखा'

भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल को पूर्व टीम निदेशक रवि शास्त्री से जमकर तारीफे मिली है, जिन्होंने कहा है कि पिछले 12 महीनों में क्रिकेट के सभी प्रारूपों में सर्वाधिक सुधार इस बल्लेबाज के खेल में हुआ है। 54 वर्षीय शास्त्री का मानना है कि दाएं हाथ के बल्लेबाज राहुल तीनों प्रारूपों के लिए बेहतर हैं और उनका भविष्य भी उज्जवल है। शास्त्री ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'पिछले एक वर्ष में विश्व के सबसे सुधरे हुए खिलाड़ी केएल राहुल है। वह सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में ही नहीं बल्कि अन्य दो प्रारूपों में भी शानदार बल्लेबाज हैं। उनका भविष्य उज्जवल है।' शास्त्री ने कहा कि राहुल में नैसर्गिक सुधार आया है और वह भारत के लिए बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2014 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था जब शास्त्री के हाथ में टीम इंडिया की जिम्मेदारी थी। राहुल का प्रदर्शन मेलबर्न में अच्छा नहीं रहा, लेकिन सिडनी में 110 रन की पारी खेलकर उन्होंने अपनी क्षमता से लोगों का परिचय कराया। क्रिकेट के लंबे प्रारूप में अपनी उपयोगिता दर्शाने के बाद राहुल ने इस वर्ष आईपीएल में धमाकेदार प्रदर्शन करके क्रिकेट प्रशंसकों को अपना मुरीद बना लिया। उन्होंने 16 मैचों में 397 रन बनाए थे। इस शानदार प्रदर्शन के कारण उनका चयन ज़िम्बाब्वे दौरे पर सीमित ओवरों की सीरीज के लिए हो गया। राहुल ने इस मौके को दोनों हाथों से लपका और वन-डे में डेब्यू मैच में शतक ठोंका। उन्होंने हाल ही वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच में जोरदार शतक जमाया। हालांकि टीम इंडिया एक रन से मैच गंवा बैठी। टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ ही एक अन्य इंटरव्यू में राहुल ने स्वीकार किया था कि करियर की शुरुआत में विदेशों में सीरीज खेलने का उन्हें लाभ मिला और वहां सफलता हासिल करने के बाद उनमें विश्वास बढ़ा। राहुल ने कहा, 'भारत में खेलने से पहले विदेशों में खेलने का शुक्रगुजार हूं। ऑस्ट्रेलिया में बल्लेबाज संघर्ष करते हैं और श्रीलंका में भी खेलना आसान नहीं। यह मुश्किल है क्योंकि आप इन परिस्थितियों में खेले नहीं होते हैं और इस स्तर पर आकर खेलना बड़ी चुनौती होती है। आप खुद पर संदेह करना शुरू कर देते हैं और सोचते हैं कि आप इस स्तर के नहीं है। कभी कुछ गेंदों का आपके पास कोई जवाब नहीं होता है। लेकिन इससे आपको काफी कुछ सीखने को मिलता है। इससे उबरकर रन बनाने से काफी विश्वास जगता है। विदेशी दौरों से मैं मजबूत बना और मैं खुश हूं कि करियर की शुरुआत में ही ऐसा अनुभव हासिल करने को मिला।'