जहां एक तरफ बीसीसीआई ने इंडियन टीम के हैड कोच को चुनने के लिए एक कदम आगे बढ़ा दिए हैं तो वहीं टीम के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने हेड कोच के पद के लिए अपना नाम भेजा है। पीटीआई से बातचीत के दौरान शास्त्री ने कहा "मैंने आज सुबह ही हेड कोच के अपना फॉर्म भरा है। बीसीसीआई के विज्ञापन में जितने भी डॉक्यूमेंट्स मांगे गए थे, मैंने वो सभी उन्हें मेल कर दिए है"। टीम के आगे के रोड मैप के सवाल पर 54 वर्षीय शास्त्री ने कहा "बीसीसीआई के द्वारा जो भी चीज़ मांगी गई है, मैंने उन्हें वो दे दी हैं"। उनके जीतने के सवाल पर पूर्व खिलाड़ी ने कहा "अगर आप मुझसे पूछेंगे कि मैं कॉन्फिडेंट हूँ या नहीं। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूँ कि मेरा काम था इस पोस्ट के लिए अप्लाई करना, वो मैंने कर दिया। बाकि इसके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता"। उससे पहले ही शास्त्री ने टीम के डायरेक्टर के रूप में जो उनका कार्यकाल रहा, वो उनके ज़िंदगी का सबसे यादगार अनुभव था। शास्त्री ने आगे कहा "मैं एक खिलाड़ी के रूप में सफल रहा। 1983 विश्व कप और 1985 वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतना दोनों गर्व की बात थी, पर टीम का निदेशक रहना मेरे लिए काफी स्पेशल था"। इनके कार्यकाल में इंडिया ने श्रीलंका को उसकी सरजमीं पर 22 सालों में पहली बार किसी टेस्ट सीरीज़ में हराया, उसके अलावा साउथ अफ्रीका को अपने घर में 3-0 से टेस्ट सीरीज़ मे मात दी। क्रिकेट के छोटे प्रारूप में भी, इंडिया ने इंग्लैंड को उसके घर में वनडे सीरीज़ में मात दी, उसके अलावा ऑस्ट्रेलिया का उसी के घर में जाकर टी-20 सीरीज़ में उसका 3-0 से सफाया किया। हालांकि इंडिया दोनों 50 ओवर और टी20 विश्व कप में इंडिया सिर्फ सेमी फ़ाइनल तक ही पहुँच पाई। कोच पद की दौड़ में रवि शास्त्री को कड़ी टक्कर राहुल द्रविड़ और संदीप पाटिल से मिलेगी। देखना होगा कि क्या बीसीसीआई शास्त्री को वापस टीम के मुखिया के रूप में लाती हैं । लेखक- राम कुमार, अनुवादक- मयंक महता