मैं कप्तान था तब शायद रवि शास्त्री क्रिकेट नहीं देखते थे : सौरव गांगुली

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने बंगाली चैट शॉ में एक आश्चर्यजनक बयान दिया है। हाल ही में गांगुली और पूर्व भारतीय क्रिकेटर रवि शास्त्री के बीच रिश्ते कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं। दादा के ताजा कमेन्ट के अनुसार इन दोनों के रिश्तों में और अधिक खटास आने की सम्भावना है। कुछ समय पहले महेन्द्र सिंह धोनी द्वारा सीमित ओवर क्रिकेट से कप्तानी छोड़ने के बाद रवि शास्त्री को भारतीय टीम के श्रेष्ठ कप्तानों के बारे में पूछा गया था। दिलचस्प बात यह रही कि शास्त्री ने जो नाम बताए, उनमें सौरव गांगुली का नाम नहीं था। जबकि दादा भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे हैं। जब शॉ के दौरान गांगुली को शास्त्री की सूची में जगह नहीं मिलने का कारण पूछा गया, तो उन्होंने हँसते हुए कहा कि मैं जब कप्तान था तब वे क्रिकेट नहीं देखते थे। पूर्व खब्बू बल्लेबाज से शास्त्री और कुंबले को 1 से 10 के बीच अंक देकर रेटिंग करने के सवाल पर उन्होंने शास्त्री को 7 और कुंबले को 9 अंक दिए। भारतीय टीम की ख़राब स्थिति में 2000 में सौरव गांगुली को कप्तान बनाया गया था. उन्होंने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को कई टूर्नामेंटों में आगे तक पहुँचाया। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने विदेशों में टेस्ट मैच जीते, इसके अलावा 2003 में दक्षिण अफ्रीका में हुए विश्वकप में भारतीय टीम ने फाइनल तक का सफ़र तय किया। गांगुली और शास्त्री के रिश्तों में खटास भारतीय टीम के कोच चयन के समय शुरू हुई। बीसीसीआई की सलाहकार समिति में सचिन, लक्ष्मण और गांगुली की तीन सदस्यीय दल ने रवि शास्त्री को तवज्जो न देते हुए अनिल कुंबले को भारत का कोच बनाने की सिफारिश की थी। शास्त्री के प्रजेंटेशन के दौरान गांगुली मौजूद नहीं थे इसलिए शास्त्री को अपना अनादर महसूस हुआ। गौरतलब है कि कुंबले की कोचिंग में भारतीय टीम ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और टेस्ट क्रिकेट में नम्बर एक की रैंकिंग को भी प्राप्त किया है।

Edited by Staff Editor
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