महान भारतीय ऑलराउंडर कपिल देव का मानना है कि रवि शास्त्री में किसी प्रकार की प्रतिभा नहीं है, लेकिन अपने मजबूत जज्बे की बदौलत वो इतने बड़े स्तर पर क्रिकेट खेल पाए। आकाश चोपड़ा की किताब की लॉन्चिंग के मौके पर 58 वर्षीय कपिल ने जोर देकर कहा कि अनिल कुंबले नैसर्गिक एथलीट नहीं होने के बावजूद सर्वश्रेष्ठ विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज बने। कपिल ने कहा, 'रवि शास्त्री में प्रतिभा नहीं थी, लेकिन वह इतना आगे तक क्रिकेट खेल गया। मेरे ख्याल से इसके लिए उन्हें श्रेय मिलना चाहिए। दो प्रकार के क्रिकेटर्स होते है, एक वो जिनमें प्रतिभा होती है, लेकिन वो उसका फायदा उठा नहीं पाते है और दूसरे वो जिनके पास प्रतिभा नहीं होती है, लेकिन वो बहुत आगे तक जाते हैं। रवि शास्त्री में बहुत दृढ़-संकल्प था। टीम में हम उनकी इस चीज की काफी वैल्यू करते थे।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं ये बात रवि शास्त्री के मुंह पर भी बोल सकता हूं कि आपको इसलिए मानता हूं क्योंकि मुझे नहीं लगता कि आपमें प्रतिभा थी। वह तेज एथलीट भी नहीं थे। एक और खिलाड़ी हैं अनिल कुंबले। वो एथलीट नहीं है। मगर आप जब भी उनका प्रदर्शन देखेंगे तो पाएंगे कि उनसे बेहतर किसी ने नहीं किया।' याद हो कि रवि शास्त्री ने 1981 से 1992 के बीच 80 टेस्ट और 150 वन-डे में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। टीम के शानदार बल्लेबाज होने के साथ-साथ शास्त्री उपयोगी बाएं हाथ के स्पिनर भी थे। क्रिकेट में 'क्षमता' और 'प्रतिभा' काफी इस्तेमाल किये जाते हैं। जब बल्लेबाज आंखों को सुकून पहुंचाने वाले स्ट्रोक खेलता है तो उसे गिफ्टेड कहा जाता है जबकि जो पूरे दम लगाकर अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाते हैं, वो कड़ी मेहनत करने वालो की श्रेणी में आते हैं। वहीं स्पिनर्स जो ज्यादा टर्न हासिल कर ले वो सबका ध्यान आकर्षित करते हैं। कपिल ने कहा कि रवि शास्त्री और अनिल कुंबले ने भारतीय टीम को काफी सफलता दिलाई है। इसके अलावा पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि उन्हें लक्ष्मण शिवरामाकृष्णन से बेहतर प्रतिभा अब तक नहीं दिखी। हालांकि, लेग स्पिनर लक्ष्मण अपनी गिफ्टेड क्षमता का फायदा नहीं उठा सके और सिर्फ 9 टेस्ट खेल सके।