भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने अपने कोचिंग कार्यकाल को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि कोच के तौर पर उनका काम किसी को खुश नहीं करना था, बल्कि एक बेहतर टीम बनाना था जो जीत हासिल कर सके। रवि शास्त्री के मुताबिक वो मीडिया में हीरो बनने के लिए कोच नहीं बने थे।
रवि शास्त्री के कार्यकाल में भारतीय टीम ने काफी सफलता हासिल की तो कई बड़ी असफलताओं का भी सामना टीम को करना पड़ा। उनके ही कार्यकाल में टीम को वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल और साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज में हार मिली थी। इसके अलावा कोच के तौर पर उनके आखिरी टूर्नामेंट में टीम टी20 वर्ल्ड कप 2021 के पहले ही दौर से बाहर हो गई थी।
रवि शास्त्री के कार्यकाल के दौरान टीम सेलेक्शन को लेकर भी काफी सवाल उठे थे। कई खिलाड़ियों को टीम में शामिल किए जाने या बाहर किए जाने को लेकर काफी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थीं।
मैं यहां पर किसी को खुश करने के लिए नहीं आया हूं - रवि शास्त्री
रवि शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत के दौरान अपने कार्यकाल को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा "ये एक ऐसा काम है जिसमें आप हर किसी को खुश नहीं रख सकते हैं। मैं यहां पर किसी को खुश करने या मीडिया में अच्छा दिखने के लिए नहीं आया हूं। सॉरी मैं यहां पर इसलिए हूं ताकि कंडीशंस के हिसाब से एक बेहतरीन टीम का चयन किया जा सके।"
2017 में भारत को चैंपियंस ट्रॉफी में मिली हार के बाद रवि शास्त्री को टीम का हेड कोच नियुक्त किया था। रवि शास्त्री के कार्यकाल में भारतीय टीम को सबसे बड़ी सफलता ऑस्ट्रेलिया में मिली थी। टीम इंडिया ने दो बार ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के घर में जाकर हराया था।