साल 2021 के अंत में भारत के पूर्व महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री (Ravi Shastri) की जगह ली थी। उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने घरेलू मैदान पर द्विपक्षीय सीरीज में तो सफलता हासिल की लेकिन विदेशी सरजमीं और मल्टीनेशनल टूर्नामेंट्स में निराशा झेलने को मिली।
इसके अलावा, पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री के शासनकाल के दौरान भारतीय टीम ने भले ही कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती लेकिन ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर लगातार 2 टेस्ट सीरीज में जीत उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक थी। इसके अलावा, भारत आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पहले संस्करण के फाइनल में भी पहुंचा लेकिन वहां उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।
इतना ही नहीं रवि शास्त्री के मार्गदर्शन में भारत में साल 2016 और 2018 में लगातार एशिया कप का खिताब भी जीता, लेकिन भारत के पूर्व ऑलराउंडर का कहना है कि पब्लिक की याददाश्त बहुत कमजोर है और कोई भी उनके कार्यकाल की उन ट्राफियों को याद नहीं करता है।
शास्त्री ने स्पोर्ट्स तक से बातचीत करते हुए कहा,
हमारे देश में लोगों की याददाश्त कमजोर होती है। जीतना है तो जीतना ही होगा। मेरे कार्यकाल में हमने दो एशिया कप जीते, लेकिन किसी को याद नहीं है। क्या किसी ने एशिया कप का जिक्र किया है? हमने इसे दो बार जीता है। और कोई इसके बारे में बात नहीं करता। लेकिन जब हम एशिया कप में हारे तो बात होने लगी, क्यों? इसलिए मैं कह रहा हूं, प्रयास हमेशा होना चाहिए।
राहुल द्रविड़ की कोचिंग में है बड़ी जीत का इन्तजार
राहुल द्रविड़ जबसे मुख्य कोच बने हैं तब से भारतीय टीम का विदेशी सरजमीं पर प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा है। सबसे पहले उनके कार्यकाल में भारत को दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर टेस्ट और वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्हें इंग्लैंड में एक पुनर्निर्धारित टेस्ट में भी हार मिली, जिसके चलते सीरीज 2-2 पर समाप्त हुई थी। वहीं पिछले साल भारत ने एशिया कप गंवाया और फिर टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल से बाहर हुए।
इस साल राहुल द्रविड़ के बाद आईसीसी खिताब जीतने के दो मौके होंगे, जिसमें जून में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल और उसके बाद अक्टूबर-नवंबर में वनडे वर्ल्ड कप शामिल है।