भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री ने पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज जावेद मियांदाद के साथ हुए एक वाकये का जिक्र किया है। रवि शास्त्री ने कहा है कि जावेद मियांदाद काफी जबरदस्त क्रिकेटर थे और कभी हार नहीं मानते थे। उनके अंदर हार ना मानने का जज्बा था इसके लिए वो विरोधी खिलाड़ियों को उकसाने से भी नहीं चूकते थे, ताकि वो आउट हो जाएं।
रवि शास्त्री ने सोनी टेन पिट शो में 1985 के वर्ल्ड चैंपियनशिप में हुए एक वाकये का जिक्र किया। उस टूर्नामेंट को भारत ने जीता था और रवि शास्त्री मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे। उन्हें ईनाम में उस वक्त एक ऑडी कार मिली थी।
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रवि शास्त्री ने कहा कि जावेद मियांदाद के पास ऑडी जीतने का कोई मौका नहीं था लेकिन वो मुझे भी नहीं जीतने देना चाहते थे। इसलिए वो मेरा ध्यान भटकाने की कोशिश करते रहते थे। जब हम एक दूसरे के खिलाफ खेले तो मेरे और मियांदाद के बीच लगातार बात चलती रही। रवि शास्त्री ने कहा कि जावेद मियांदाद एक महान खिलाड़ी थे और वे काफी चुनौतीपूर्ण क्रिकेट खेलते थे। वो आपका ध्यान भटकाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे। फाइनल मुकाबले में उनके पास कोई मौका नहीं था। मेरी आंखे उस कार पर थी। भले ही जावेद मियांदाद मेरा ध्यान भटकाना चाहते थे लेकिन उनके पास कोई मौका नहीं था।
आपको बता दें कि जावेद मियांदाद पाकिस्तान के बहुत बड़े खिलाड़ी थे। उन्होंने शारजाह में भारत के खिलाफ चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर पाकिस्तान को मैच जिताया था। इसके अलावा भी उन्होंने कई मैच अपने करियर में पाकिस्तानी टीम को जिताए थे। वो पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाजों में से एक हैं।