पिछले कई महीनों से लगाए जा रहे कयासों और अनुमान के बाद, ऐसा लग रहा है टीम इंडिया के कोच के लिए राहुल द्रविड़ और रवि शास्त्री में सीधे सीधे टक्कर है। द्रविड़ को कई पूर्व खिलाड़ियों का समर्थन हासिल हैं, तो रिपोर्ट्स कि मानें तो रवि शास्त्री भी दोबारा इस पद के लिए नामांकन भरने का मन बना चुके है। इन दोनों के अलावा कई और खिलाड़ियों के नाम भी सामने आए हैं, फिर चाहे वो स्टीफन फ्लेमिंग हो, डेनियल विटोरी, या फिर माइक हसी। द्रविड़ का कोच के रूप में अंडर19 टीम और इंडिया A के साथ रिकॉर्ड शानदार रहा है। तो दूसरी तरफ रवि शास्त्री ने विराट कोहली और एमएस धोनी दोनों का भरोसा जीता है, साथ ही में उनका टीम के कई खिलाड़ियों के साथ रिश्ते भी काफी अच्छे हैं। शास्त्री का टीम का कोच बनने का मतलब है, पूरे सपोर्टिंग स्टाफ का कार्यकाल बढ़ना। द्रविड़ पहले की तरह ही कड़ी मेहनत करने में विश्वास रखते है और लाइम लाइट में नहीं दिखते। उनकी सबसे खास बात है कि वो खिलाड़ियों को खेलने की आज़ादी देते है कि वो जाके अपना गेम खेले। इंडिया अंडर 19 टीम और अंडर-19 विश्व कप में टीम का प्रदर्शन देखें तो उसमें द्रविड़ की झलक साफ दिखती हैं । द्रविड़ अपने साथ गेम की अच्छी समझ भी लाते है। उनका युवाओं के साथ रिश्ते काफी अच्छे हैं, जो टीम को काफी आगे तक ले जा सकते हैं। रवि शास्त्री एक वोकल कैरक्टर है और वो हमेशा टीम को बैक करते है। अगर सब कुछ सही ना भी गया हो तो वो सबसे पहले सारी आलोचना झेलते है। वो काफी लंबे समय से क्रिकेट ब्रॉडकास्टर रहे है, उनसे अच्छा मीडिया को कोई और नहीं हैंडल कर सकता और वो टीम के ऊपर कोई दबाव नहीं आने देते। उनके टीम के साथ रिकॉर्ड भी काफी अच्छा हैं, फिर चाहे वो श्रीलंका को उनके घर में जाकर हराना हो या साउथ अफ्रीका को लंबे समय बाद अपने घर में हराना। उनके रहते टीम 2015 विश्व कप सेमी फ़ाइनल तक पहुंची थी और इस साल हुए वर्ल्ड टी20 के भी सेमी फ़ाइनल में जगह बनाई। टीम के खिलाड़ी इनकी काफी इज्जत भी करते हैं। अगर यह फैसला इन दोनों के बीच में आकर अटकता है तो, आखिरी फैसला करने के लिए बीसीसीआई को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। दोनों में से कोई भी आए, फायदा तो इंडियन क्रिकेट का ही होना हैं। लेखक- मनीष पाठक, अनुवादक- मयंक महता