भारत के लिए वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ खेला गया चौथा और आख़िरी टेस्ट निराशाजनक रूप से ड्रॉ हो गया। जहां सिर्फ़ 22 ओवर का ही खेल हो पाया, भारतीय फ़ैंस इससे ज़रूर मायूस हुए होंगे। लेकिन भारत ने 4 मैचो की टेस्ट सीरीज़ 2-0 से अपने नाम कर ली, अगर ये टेस्ट भारत जीत जाता तो टेस्ट में नंबर-1 बना रहता, जो अब पाकिस्तान हो गया है। विराट कोहली के लिए ये दौरा यादगार रहा जहां उन्होंने टेस्ट में पहली बार दोहरा शतक लगाया और भारत को कैरेबियाई सरज़मीं पर पहली बार एक सीरीज़ में दो मैचो में जीत दिलाई। कोहली के अलावा एक और भारतीय खिलाड़ी के लिए ये सीरीज़ बेहद ख़ास रही। आर अश्विन ने गेंद और बल्ले दोनों से कमाल किया, बल्ले से जहां अश्विन ने 234 रन बनाए तो गेंद से 17 विकेट भी हासिल की। 29 वर्षीय इस ऑलराउंडर ने सीरीज़ मे दो शतक भी लगाया और दो बार पारी में 5 विकेट भी झटके। अश्विन के शानदार प्रदर्शन के लिए 'उन्हें मैन ऑफ़ द सीरीज़' से नवाज़ा गया, जो उनके 36 टेस्ट के करियर में छठी बार था। ऐसा करते ही उन्होंने भारत के लिए इतिहास रच दिया, अश्विन अब सबसे ज़्यादा मैन ऑफ़ द सीरीज़ हासिल करने वाले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग जैसे धुरंधरो से अश्विन कहीं आगे निकल गए हैं, इससे पहले भारत के लिए टेस्ट में सबसे ज़्यादा 'मैन ऑफ़ द सीरीज़' का रिकॉर्ड संयुक्त तौर पर सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग के नाम था। दोनों ही दिग्गज बल्लेबाज़ों ने 5 बार 'मैन ऑफ़ द सीरीज़' का अवॉर्ड जीता था। ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ और दाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने अभी तक सिर्फ़ 36 टेस्ट और 13 सीरीज़ ही खेले हैं। इस दौरान उनका 200 टेस्ट खेलने वाले सचिन और 104 टेस्ट में 5 बार 'मैन ऑफ़ द सीरीज़' होने वाले सहवाग को पीछे छोड़ना सही मायनों में ख़ास है। भारतीय इतिहास में सबसे ज़्यादा मैन ऑफ़ द सीरीज़ जीतने वाले टॉप-10 क्रिकेटर:
क्रिकेटर | मैच | सीरीज़ | Awards |
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आर अश्विन | 36 | 13 | 6 |
वीरेंदर सहवाग | 104 | 39 | 5 |
सचिन तेंदुलकर | 200 | 74 | 5 |
कपिल देव | 131 | 38 | 4 |
हरभजन सिंह | 103 | 47 | 4 |
अनिल कुंबले | 132 | 51 | 4 |
राहुल द्रविड़ | 164 | 60 | 4 |
मोहम्मद अज़हरउद्दीन | 99 | 37 | 3 |
ज़हीर ख़ान | 92 | 41 | 3 |
सौरव गांगुली | 113 | 45 | 3 |