टीम को कुछ वापस देना चाहता था : रविचंद्रन अश्विन

भारत के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने खुलकर बताया कि वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगुआ में खेले गए पहले टेस्ट में वह अपने आप को एक बेहतर बल्लेबाज साबित करना चाहते थे। बीसीसीआई के साथ इंटरव्यू के दौरान 29 वर्षीय अश्विन ने भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि शतक बनाने से उन्होंने टीम के फैसले को सही साबित किया। अश्विन ने कहा, 'मैं टीम को कुछ वापस देना चाहता था। मैं दर्शाना चाहता था की छठें क्रम के लिए अच्छा हूं और टीम के बल्लेबाजी क्रम को मजबूती दे सकता हूं। यहां से वो काफी थकाऊ पारी थी और मैंने करीब 250 गेंदें खेली। मैं दिखाना चाहता था कि थकाऊ पारी के बाद कैसे गेंदबाजी कर सकता हूं, इसलिए मैं इस प्रदर्शन से बेहद संतुष्ट हूं।' यह स्वीकार करते हुए कि बल्लेबाजी क्रम में उन्हें ऊपर भेजना आश्चर्यजनक लगा, ऑलराउंडर ने कप्तान विराट कोहली को श्रेय देते हुए कहा कि उन्होंने बल्लेबाज के रूप में मेरी काबिलियत पर भरोसा जताया और सही प्लेटफ़ॉर्म दिया। उन्होंने कहा, 'छठें क्रम पर बल्लेबाजी करना मेरे लिए आश्चर्यजनक था। विराट ने मैच की सुबह जो कहा था वह मुझे काफी पसंद आया। उन्होंने मुझे कहा, 'हम टुम पर भरोसा करते हैं और छठें क्रम पर बल्लेबाजी कराना चाहते है, देखते है यह कितना कारगर साबित होता है।' अश्विन जब बल्लेबाजी करने उतरे तब भारत का स्कोर 4 विकेट पर 236 रन था। उन्होंने विराट कोहली के साथ 168 रन की साझेदारी करते हुए भारत को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। अश्विन ने कहा, 'मैं खुद को बेहतर ऑलराउंडर मानता हूं। छठें क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए मेरे पास शतक लगाने का मौका रहता है जो 8वें क्रम पर नहीं होता। मुझे इस क्रम पर बल्लेबाजी करना पसंद है। शतक के बाद पांच विकेट लेने की खुशी भी बहुत है। मुझे उम्मीद है कि अब यहां से लगातार मजबूती के साथ आगे बढूंगा।'

Edited by Staff Editor
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