टीम से बाहर किए जाने के बाद क्रिकेट से पूरी तरह दूर हो गए थे रवीन्द्र जडेजा

रवीन्द्र जडेजा के लिए भले ही 2015 की शुरुआत अच्छी नहीं रही हो, लेकिन उन्होंने 2015/16 रणजी सत्र में उम्दा शुरुआत करके और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार टेस्ट में 23 विकेट लेकर साल का शानदार अंत किया। क्रिकबज से बात करते हुए जडेजा ने बताया कि धमाकेदार वापसी से पहले वह अपने फार्महाउस में रहने चले गए थे और 'क्रिकेट से पूरी तरह दूर हो चुके थे। ' जडेजा ने कहा, 'टीम में नहीं चुने जाने के बाद, मैं घर लौटा और करीब दो से ढाई महीने तक अपने फार्महाउस में ठहरा। मैंने गेंद और बल्ले को हाथ तक नहीं लगाया। मैं उस समय मैदान पर भी नहीं गया। मैंने कुछ नहीं किया। बस मैंने अपने घोड़ों के साथ समय बिताया जो मैदान के बहार मेरा पसंदीदा काम है। ' जडेजा ने स्वीकार किया कि कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिसे कोई नहीं बदल सकता। ऑलराउंडर का घोड़ों के प्रति प्यार अधिकांश लोगों को पता है, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि शुरुआत में उन्हें काफी डर लगता था और वो उनके पास भी नहीं जाते थे। जडेजा ने कहा, '5-6 साल पहले मेरे दोस्त के पास कुछ घोड़े थे। शुरुआत में मुझे उनसे काफी दर लगता था और कभी उनके पास भी नहीं जाता था। कुछ समय के बाद मैंने गुजरात में फार्महाउस खरीद लिया। दोस्त ने कहा कि मैं कुछ घोड़ों को अपने फार्महाउस पर रखूं, उसने मुझे अपना एक घोड़ा देकर इसे आगे बढ़ाने के लिए कहा। मैंने वहां से शुरुआत की। उसने मुझे अपना एक घोड़ा दिया और कहा की जब भी समय मिले तो हॉर्सराइड जरुर करूं। तब से मेरी रूचि घोड़ो में बढ़ी और उसके बाद जल्द ही प्यार हो गया। बकौल जडेजा, 'मुझे जब भी समय मिलता है तो अपने फार्महाउस जरुर जाता हूं. इससे मुझे क्रिकेट से दूर रहने में मदद मिलती है। मेरे पास अब 6 घोड़े हैं। जडेजा ने अपने क्रिकेट करियर के बारे में बात करते हुए बताया कि रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करने से टेस्ट टीम में वापसी हुई। उन्होंने आगे कहा, 'रणजी ट्रॉफी सत्र शुरू होने से पहले मैंने अपने कोच से पूछा कि आप क्या सोचते हैं? मूझे धमाकेदार प्रदर्शन करके वापसी की जरुरत है। उन्होंने कहा कि चिंता मत कर, हम कड़ी मेहनत करेंगे। हमने एकसाथ कड़ी मेहनत की. वह मैदान पर जल्दी आने लगे और मुझे दोपहर में 200-300 बल करते थे। ' टेस्ट से पहले, मैंने तीन से चार रणजी मैच खेले और 37 विकेट लिए. इससे मुझे काफी विश्वास मिला जिसकी बदौलत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर पाया। मैंने अपना 100 प्रतिशत दिया और अब टीम के साथ दोबोरा हूं।