भारत की पहली पारी के बाद जब इंदौर टेस्ट में न्यूजीलैंड ने अपनी पारी शुरू की तब उनका स्कोर पहला गेंद फेंके जाने से पहले ही 5/0 था। भारत ने अपनी पहली पारी विराट कोहली के दोहरे शतक और अजिंक्य रहाणे के 188 रनों की बदौलत 557/5 के स्कोर पर घोषित की। लेकिन रविन्द्र जडेजा की गलती के कारण न्यूजीलैंड को बल्लेबाजी करने से पहले ही 5 रन मिल गए। उन्हें पिच के बीच में दौड़ने के कारण पहली बार चेतावनी मिली और दूसरी बार ऐसा ही करने पर भारत को नुकसान उठाना पड़ा। नियम के मुताबिक पिच के बीच में दौड़ने के बाद जब एक बार आपको चेतावनी मिले तो दोबारा वही चीज़ करने पर अंपायर दूसरी टीम को 5 पेनल्टी रन देते हैं। भारतीय पारी के आखिरी लम्हों में ये घटना हुई, जब ट्रेंट बोल्ट के ओवर में जडेजा ने दोबारा पिच के बीच में दौड़ लगाई और अंपायर ने उन्हें वापस भेज दिया। साथ ही न्यूजीलैंड को 5 रन मुफ्त के मिल गए। जडेजा इस फैसले से खुश नहीं दिखे लेकिन लॉ 42 के सेक्शन नंबर 14 के मुताबिक वो गलत थे। इस सेक्शन के अन्दर, अगर खिलाड़ी फील्ड पर गलत तरह के खेल का प्रदर्शन करता है, जो नियम के मुताबिक गलत हो, तो अंपायर के पास विपक्षी टीम को 5 पेनल्टी रन देने का अधिकार रहता है। नियम के अनुसार अगर बल्लेबाज रन लेने के दौरान पिच को नुकसान पहुंचाते हैं, तो गेंदबाजी क्षोर के अंपायर उस बल्लेबाज को दोबारा स्ट्राइक पर भेजते हैं, साथ ही उस रन को नहीं माना जाता है। अगर वो गेंद वाइड या नो बॉल हुई तो ही बल्लेबाजी करने वाली टीम के खाते में रन जोड़ा जाता है। इस घटना के बाद अंपायर दोनों ही टीमों के कप्तानों को आगाह करते हैं कि क्या हुआ है और जब उस समय फील्डिंग करने वाली टीम बल्लेबाजी करने आती है, तो उनका स्कोर 5/0 से शुरू होता है। हालांकि इस घटना के बाद रविन्द्र जडेजा एक बार और पिच के बीच में दौड़ते-दौड़ते बचे, जब उन्होंने रन लेना शुरू किया था तो वो पिच के बीच में ही थे लेकिन एकदम से उन्हें अपनी गलती के बारे में ख्याल आया और उन्होंने फिर अपना रास्ता बदला। इस घटना के बाद रविन्द्र जडेजा के ऊपर आईसीसी के कोड ऑफ़ कंडक्ट के लेवल 2 का उल्लंघन करने के कारण 50% मैच फीस का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा उन्हें तीन डीमेरिट पॉइंट भी मिले हैं।