इंग्लैंड खिलाड़ियों द्वारा मैदान में मौन रखने के पीछे का कारण?

इंग्लैंड क्रिकेट टीम वर्तमान में भारतीय टीम के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच राजकोट में खेल रही है। इस टीम ने उप-महाद्वीप की परिस्थितियों में अच्छा प्रभावित किया है। जहां दोनों टीम एक मोमेंटम बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं फैंस के साथ इंग्लैंड टीम ने राजकोट में एक और कार्य किया। इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने छाती पर पॉपी पहनकर राजकोट टेस्ट मैच के तीसरे दिन के खेल से पहले 'आर्मिस्टिस' डे पर एक मिनट का मौन रखा। इंग्लैंड टीम के फैंस ने भी अपने खिलाड़ियों के साथ खड़े होकर एक मिनट का मौन रखा। काफी संख्या में फैंस ने छाती पर पॉपी पहना और खिलाड़ियों की तरह भावुक नजर आए। राजकोट टेस्ट मैच के तीसरे दिन ठीक 11 बजे इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने मैदान पर अपने स्थान पर खड़े होकर दो मिनट का मौन किया। राजकोट की गर्मी में इस दो मिनट के मौन के दौरान फैंस अपनी हैट्स उतारने के बावजूद तनिक भी विचलित नहीं दिखे। 'आर्मिस्टिस' डे क्या है 11 नवंबर 1918 को प्रथम विश्वयुद्ध के खत्म हुआ था। इस दिन युद्ध विराम की घोषणा हुई थी। 11 नवंबर को जर्मनी और सहयोगी देशों ने युद्ध विराम पर सुबह 5 बजे दस्तखत किये। छ्ह घंटे बाद संघर्ष समाप्त हो गया। किंग जॉर्ज वी ने 1919 को इस दिन के लिए दो मिनट का मौन रखने की घोषणा की, तब से हर वर्ष नवंबर की 11 तारीख को सुबह 11 बजे मौन रखा जाता है। पॉपी क्यों पहना जाता है प्रथम विश्वयुद्ध के अंत में उत्तरी फ्रांस और फ्लेनडर्स बैटलफील्ड्स में सर्वप्रथम खिलने वाला फूल पॉपी ही था इसलिए स्मृति के निशान के रूप में इस फूल को छाती पर पहना जाता है। 'आर्मिस्टिस' डे को इंग्लैंड नागरिकों के कर्तव्य के लिए अभिन्न हिस्सा माना गया है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे विश्व के किस कोने में है। पहले इंग्लैंड सरकार ने पॉपी पहनने पर रोक लगा दी थी लेकिन खिलाड़ियों ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए बाधाओं को ललकारा है।

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