क्रिकेट की दुनिया में सचिन तेंदुलकर एक ऐसा नाम है जो किसी पहचान का मोहताज नहीं। अपने 24 साल के करियर में सचिन तेंदुलकर ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। साल 2012 में एकदिवसीय मैचों से संन्यास लेने वाले सचिन तेंदुलकर टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। वहीं सचिन तेंदुलकर क्रिकेट इतिहास में एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिनके नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने का रिकॉर्ड दर्ज है। वनडे क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर ने जहां 49 शतक अपने नाम किए हैं तो वहीं टेस्ट क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर ने 51 शतक लगाए हैं। सचिन तेंदुलकर ने अपने एकदिवसीय करियर में भारत के लिए 463 मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 44.83 की औसत से 18426 रन स्कोर किए हैं। सचिन तेंदुलकर ने साल 1989 में अपने एकदिवसीय क्रिकेट करियर का आगाज किया था, लेकिन उनके बल्ले से साल 1994 में पहला वनडे शतक निकला। हालांकि इसके बाद हर साल वो शतक बनाते चले गए। संन्यास लेने से पहले सचिन वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा 49 शतक लगा चुके थे। आइए एक नजर डालते हैं सचिन तेंदुलकर के एकदिवसीय इतिहास के 41वें शतक से 45वें शतक तक:
#41 100* बनाम वेस्टइंडीज] (वड़ोदरा- जनवरी 2007)
साल 2007 के विश्व कप से पहले वेस्टइंडीज की टीम भारत दौरे पर आई। इस दौरान दोनों टीमों के बीच 4 मैचों की एकदिवसीय सीरीज खेली गई। इस सीरीज में भारत शुरुआती दोनों मैच अपने नाम कर चुका था। हालांकि तीसरे मैच में भारतीय टीम को वेस्टइंडीज के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही सीरीज अभी भी जिंदा था और सीरीज का आखिरी एकदिवसीय मुकाबला वडोदरा के मैदान पर खेला गया। विश्व कप को ध्यान में रखते हुए कोच ग्रेग चैपल की सलाह से सचिन तेंदुलकर इस मैच में नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने मैदान पर आए। इस मुकाबले के लिए भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज सौरव गांगुली और रॉबिन उथप्पा ने शानदार शुरुआत की। इसके बाद राहुल द्रविड़ ने भी टीम का साथ दिया और स्कोर 148/2 पर ले गए। इसके बाद सचिन तेंदुलकर मैदान पर बल्लेबाजी करने आए। इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए स्कोर बोर्ड तो आगे बढ़ाया। इस पारी में सचिन तेंदुलकर के दो बार कैच भी वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के जरिए छोड़ दिए गए। पहला कैच 85 रन और दूसरा कैच 91 रन पर छोड़ा गया। जिसका फायदा उठाते हुए सचिन तेंदुलकर ने शतक जड़ डाला। अपनी इस पारी में सचिन ने 76 गेंदों का सामना करते हुए शतक लगा दिया। इस दौरान उन्होंने 10 चौके और 1 छक्का भी जड़ा। तेंदुलकर का ये वनडे करियर का 41वां शतक था। इसके साथ ही भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ निर्धारित 50 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 341 रन बना दिए। वहीं सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में तीसरे विकेट के लिए राहुल द्रविड़ के साथ 116 रन और बाद में महेंद्र सिंह धोनी के साथ 39 गेंदों में 75 रनों की साझेदारी निभाई। आखिर में भारतीय टीम ने मैच और सीरीज दोनों अपने नाम कर ली। नवंबर 2003 के बाद सचिन तेंदुलकर का ये शतक ऐसे मैच में आया था जिस में टीम को जीत हासिल हुई थी।
#42 117* बनाम ऑस्ट्रेलिया (सिडनी- मार्च 2008)
साल 2008 से पहले तक सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया में 30 एकदिवसीय पारियां खेली थी, लेकिन उन्हें अभी तक वहां एक भी शतक लगाने में कामयाबी हासिल नहीं हुई थी। इसके बाद साल 2008 में सीबी सीरीज में उन्होंने ग्रुप मुकाबलों में 8 मैच खेले लेकिन सिर्फ एक अर्धशतक ही लगा पाए। हालांकि इस सीरीज के फाइनल मुकाबले में सचिन तेंदुलकर ने सालों का सूखा पूरा किया। पहले गेंदबाजी करते हुए भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 239 रनों पर रोक दिया। हालांकि बल्लेबाजी में भारतीय टीम के 19 ओवर में 89 रनों के स्कोर पर ही 3 विकेट गिर गए थे। एक छोर से सचिन तेंदुलकर टीम की कमान संभाले हुए थे लेकिन दूसरे छोर से उन्हें किसी का साथ नहीं मिल पा रहा था। हालांकि बाद में मध्य क्रम में 20 वर्षीय रोहित शर्मा ने सचिन तेंदुलकर का साथ दिया। आखिर में सचिन ने इस मुकाबले में शतकीय पारी खेली और अपने करियर का 42वां एकदिवसीय शतक जड़ डाला। सचिन ने इस मुकाबले में 120 गेंदों में 117 रनों की पारी खेली और 11 एकदिवसीय मैचों के बाद ऑस्ट्रेलिया को हराने में अहम भूमिका अदा की।
#43 163* बनाम न्यूजीलैंड (क्राइस्टचर्च- मार्च 2009)
साल 2002 के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2009 में न्यूजीलैंड का दौरा किया। इस साल की शुरुआत सचिन तेंदुलकर के लिए ठीक नहीं रही। न्यूजीलैंड दौरे पर जाने से पहले सचिन महज 5 रन, 6 रन और 7 रन ही स्कोर कर पाए थे। इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले मैच में सचिन सिर्फ 20 रन ही स्कोर कर पाए। हालांकि दूसरे मैच में सचिन तेंदुलकर ने फॉर्म में वापसी की और शानदार बल्लेबाजी पेश की। शुरुआत में थोड़ी धीमी बल्लेबाजी करते हुए सचिन तेंदुलकर ने धीरे-धीरे न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को परेशान करना शुरू कर दिया। इस मुकाबले में सचिन तेंदुलकर ने तीसरे विकेट के लिए युवराज सिंह के साथ 148 रनों की और चौथे विकेट के लिए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ 135 रनों की साझेदारी को अंजाम दिया। इस मुकाबले में युवराज सिंह (87) और महेंद्र सिंह धोनी (68) ने सचिन तेंदुलकर का बखूबी साथ दिया। इस मुकाबले में सचिन तेंदुलकर ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए अपने एकदिवसीय करियर का 43वां शतक जड़ डाला। इसके बाद भी सचिन का बल्ला रन बरसा रहा था लेकिन 163 रन के स्कोर पर उनके शरीर ने उनका साथ देना छोड़ दिया और तेंदुलकर को 45वें ओवर में रिटायर होना पड़ा। तेंदुलकर की शानदार पारी की बदौलत टीम इंडिया ने 50 ओवर में 392 रन स्कोर किए।
#44 138 बनाम श्रीलंका (कोलंबो- सितंबर 2009)
साल 2008 और 2009 में भारतीय क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 द्विपक्षीय सीरीज को अपने नाम किया था। इसके बाद भारतीय टीम श्रीलंका गई, जहां उसे न्यूजीलैंड और श्रीलंका के साथ त्रिकोणीय सीरीज खेलनी थी। इस सीरीज में भारतीय टीम सबकी पसंदीदा टीम थी। ग्रुप मुकाबलों में खेलते हुए भारत 1 मैच जीत चुका था और 1 मैच हार चुका था। आखिरी मुकाबले में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर श्रीलंका के खिलाफ बल्लेबाजी करने का फैसला किया। आखिरी मुकाबले में फिर सचिन तेंदुलकर का जलवा देखने को मिला और सचिन ने शानदार खेल दिखाते हुए अपने अपने एकदिवसीय करियर का 44वां शतक लगा डाला। किसी टूर्नामेंट के फाइनल में लगाया गया ये उनका छठा शतक था। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में 133 गेंदों का सामना करते हुए 138 रन की पारी खेली। इस दौरान सचिन तेंदुलकर ने 10 चौके और 1 छक्का लगाया। इसके अलावा उन्होंने राहुल द्रविड़ (39) के साथ 95 रनों की, महेंद्र सिंह धोनी (56) के साथ 110 रनों की और युवराज सिंह (56) के साथ 71 रनों की साझेदारी को अंजाम दिया। सचिन तेंदुलकर के बदौलत टीम ने 320 रनों का स्कोर बना लिया। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने श्रीलंकाई टीम को 273 रनों पर ही समेट कर रख दिया और कॉम्पेक कप पर अपना कब्जा जमा लिया। अपनी पारी के चलते सचिन तेंदुलकर को मैन ऑफ द मैच भी चुना गया।
#45 175 बनाम ऑस्ट्रेलिया (हैदराबाद- अक्टूबर 2009)
साल 2009 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा किया। इस दौरान दोनों टीमों के बीच 7 मैचों की एकदिवसीय सीरीज खेली गई। शुरुआती 4 मैच काफी रोमांचक रहे। शुरुआती 4 मैच तक दोनों देश 2-2 मैच जीत चुके थे और सीरीज 2-2 की बराबरी से चल रही थी। पांचवे एकदिवसीय मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत के सामने पहाड़ जैसा 350 रनों का स्कोर खड़ा दिया। मेहमान देश भारतीय टीम पर बढ़त बनाने के कगार पर थी। हालांकि सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के मंसूबों को नाकाम करने की पूरी कोशिश की। पांचवे एकदिवसीय मुकाबले के लिए भारतीय क्रिकेट टीम ने शानदार शुरुआत की। इस मुकाबले के लिए सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने 66 रनों पहले विकेट के लिए जोड़े। इसके बाद भारत के विकेट गिरते चले गए और 24 ओवर तक भारत का स्कोर 4 विकेट नुकसान पर 162 रन पहुंच चुका था और अभी भी भारत को 26 ओवर में 189 रनों की दरकार थी। ये वो समय था जब सुरेश रैना ने सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाया। इस मुकाबले में सचिन तेंदुलकर ने शतकीय पारी खेली और अपने एकदिवसीय करियर में 45 शतक पूरे कर लिए। हालांकि वो इस मैच में भारत को जीत नहीं दिला पाए और टीम को महज 3 रनों से हार का सामना करना पड़ा।। सचिन ने इस मैच में 175 रनों की पारी खेली। लेखक: साहिल जैन अनुवादक: हिमांशु कोठारी