इसमें कोई शक नहीं कि क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर एक महान खिलाड़ी के रूप में जाने जाते हैं। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ही क्रिकेट जगत में एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिनके नाम 100 अंतरराष्ट्रीय शतक दर्ज हैं। 24 साल के सुनहरे करियर में सचिन तेंदुलकर ने कई रिकॉर्ड तोड़े और कई नए आयाम भी स्थापित किए। इसी में से एक है टेस्ट क्रिकेट में 51 शतक लगाने का रिकॉर्ड। सचिन तेंदुलकर के 51 शतक लाने के इस क्रम में उनके शुरुआती 10 टेस्ट शतक के बारे में पहले ही जान चुके हैं। आइए अब जानते हैं सचिन तेंदुलकर के अगले 5 टेस्ट शतकों के बारे में, यानी मास्टर ब्लास्टर के 11 से 15 तक के शतकों का सफ़र:
#5 11वां शतक 169 - केप टाउन में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 1997
1997 में दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-1 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम दूसरे टेस्ट मैच में जीत के इरादे से मैदान पर उतरी थी। दूसरे टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। दूसरे टेस्ट मैच की पिच बल्लेबाजों के लिए काफी मददगार थी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 529 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया। दक्षिण अफ्रीका के सामने बल्लेबाजी करने आई भारतीय टीम के बल्लेबाज ज्यादा देर क्रीज पर टिक नही पाए और दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों के आगे एक के बाद एक भारतीय बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए। आलम तो यह था कि टीम इंडिया के 5 विकेट पर महज 58 रन पर ही गिर गए थे। हालांकि सचिन तेंदुलकर एक छोर पर जमे हुए थे और रन बटोर रहे थे। इसके बाद उन्होंने मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ मिलकर टीम की कमान संभाली। सचिन तेंदुलकर दृढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़ रहे थे और इसी क्रम में उन्होंने अपना शतक भी पूरा कर लिया। इसके बाद जल्द ही वो 150 रनों के स्कोर को भी पार कर गए। लेकिन आखिर में सचिन तेंदुलकर अपना विकेट गंवा बैठ। इस पारी में तेंदुलकर ने 254 गेंदों में 169 रनों की पारी खेली। इसमें उन्होंने 26 चौके भी लगाए। इस मैच की दूसरी पारी में भारत कुछ कमाल नहीं दिखा पाया, जिसके कारण टीम इंडिया को 282 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच को देखने के लिए नेल्सन मंडेला भी उपस्थित थे और वहीं दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी अली बाकर ने इस मैच को सभी समय के महानतम मैच के रूप में बताया है।
#4 12वां शतक 143 - कोलंबो में श्रीलंका के ख़िलाफ़ (आर प्रेमादासा), 1997
1997 में श्रीलंका दौरे पर भारत का पहला टेस्ट सबसे मशहूर टेस्ट मैचों में से एक है। इस यादगार मैच में श्रीलंका ने पहली पारी में रिकॉर्ड तोड़ बल्लेबाजी की और रनों का अंबार लगा दिया था। इस मैच में श्रीलंकाई टीम ने पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट के नुकसान पर शानदार 952 रन बना डाले थे। इस मुकाबले के लिए भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। जिसके बाद भारत के बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया और टीम इंडिया ने पहली पारी में श्रीलंका के सामने 8 विकेट पर 537 रन बनाए और पारी घोषित कर दी। टीम इंडिया की इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने सबसे ज्यादा 143 रन बनाने के साथ ही अपने टेस्ट करियर का 12वां शतक जड़ने में भी कामयाब रहे। इस मैच में तेंदुलकर ने आसानी से बल्लेबाजी करते हुए रन बटोरे। अपनी इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने 20 बाउंड्री भी लगाई। हालांकि, इस पूरे मैच में श्रीलंका के सनथ जयसूर्या भारतीय टीम पर हावी रहे। भारतीय टीम का हर गेंदबाज जयसूर्या की बल्लेबाजी के आगे नाकाम नजर आया। जयसूर्या ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर खबर ली, इस मैच में शानदार बल्लेबाजी करते हुए सनथ ने भारतीय टीम के स्कोर के जवाब में ऐतिहासिक 340 रनों की पारी खेली। आखिर में ये मैच ड्रॉ हो गया।
# 3 13वां शतक 139 - कोलंबो (एसएससी) में श्रीलंका के ख़िलाफ़ , 1997
साल 1997 में भारत के श्रीलंका दौर के दूसरे टेस्ट में भी टीम इंडिया की तरफ से सचिन तेंदुलकर ने कमाल की बल्लेबाजी की और शतक ठोकने में कामयाबी हासिल की। श्रीलंका दौरे के दूसरे टेस्ट में भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। इस मुकाबले में भारतीय गेंदबाज श्रीलंकाई टीम को पहली पारी में 332 रनों के स्कोर पर रोकने में कामयाब रहे। श्रीलंकाई स्कोर के जवाब में बल्लेबाजी करने मैदान पर आई भारतीय टीम को शुरुआती दो झटके लगे चुके थे। जिसके बाद सचिन तेंदुलकर मैदान पर आए और टीम की कमान संभालते हुए बेहतरीन तरीके से स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाया। इस पारी में तेंदुलकर ने अपनी सधी हुई बल्लेबाजी का परिचय दिया और सीरीज में लगातार दूसरा शतक भी जड़ दिया। अपनी इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने 266 गेंदों का सामना किया और 16 चौकों की मदद से 139 रन बनाने में सफलता हासिल की। हालांकि श्रीलंका के खिलाफ टीम इंडिया का दूसरा टेस्ट भी ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
# 2 14वां शतक 148 - मुंबई में श्रीलंका के ख़िलाफ़ , 1997
मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम सचिन तेंदुलकर का होम ग्राउंड हैं। इस मैदान पर खेलते वक्त वानखेड़े के दर्शक सचिन तेंदुलकर से एक शानदार पारी खेलने की उम्मीद करते थी। ऐसी ही उम्मीद दर्शकों को साल 1997 में श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में थी। श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में श्रीलंका के लिए अर्जुन रणतुंगा ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू के आउट हो जाने के बाद सचिन तेंदुलकर ने राहुल द्रविड़ के साथ मैदान पर टीम इंडिया की कमान संभाली। इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने एक अहम पारी खेलते हुए भारत को पहली पारी में 512 रनों के स्कोर तक पहुंचाने में एक खास भूमिका अदा की। अपने शानदार शॉट से दर्शकों में उत्साह जगाते हुए तेंदुलकर ने इस मैच में भी शतक लगा दिया और अपने टेस्ट करियर का 14वां शतक पूरा किया। इस मैच में तेंदुलकर ने 244 गेंदों का सामना कर 148 रनों की पारी खेली। इस पारी में 3 शानदार छक्कों के साथ 20 चौके भी शामिल थे। हालांकि श्रीलंका के खिलाफ ये मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ।
# 1 15वां शतक 155 - चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ , 1998
साल 1998 में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच यादगार टेस्ट मैचों में से एक रहा। क्रिकेट इतिहास में इस मैच को आज भी याद किया जाता है। इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न और भारतीय टीम के सचिन तेंदुलकर के बीच हुए संघर्ष ने इसे मज़ेदार बना दिया था। इस मुकाबले के लिए भारत के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीता और चेन्नई के मैदान पर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहली पारी में भारतीय टीम सिर्फ 257 रन ही बना पाई। दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में भारतीय टीम से ज्यादा रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। वहीं दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने आई टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के स्कोर से 71 रन पीछे थी। दूसरी पारी में भारतीय टीम को 115 रन पर दूसरा झटका लगा, जिसके बाद राहुल द्रविड़ का साथ देने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर मैदान पर बल्लेबाजी करने आए। हालांकि तेंदुलकर के क्रीज पर आने के बाद कुछ बेहद खास होना वाला था जिसका किसी को अंदाजा तक नहीं था। दूसरी पारी में सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण का जवाब अपनी सधी हुई बल्लेबाजी से दिया। सचिन ने अपनी बल्लेबाजी से ऑस्ट्रलियाई गेंदबाज की जमकर खबर ली। इस बीच उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के महान गेंदबाज शेन वॉर्न को भी नहीं बख्शा और उनकी गेंदबाजी पर ताबड़तोड़ शॉट लगाए। 191 गेंदों में सचिन तेंदुलकर ने नाबाद 155 रनों की पारी खेली। इस पारी में 14 चौके और 4 छक्के भी शामिल थे। सचिन तेंदुलकर की इस पारी की बदौलत टीम इंडिया ने दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया पर बढ़त हासिल की, जिसकी मदद से टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया पर एक आसान जीत दर्ज की। लेखक: कोव्वाली तेजा अनुवादक: हिमांशु कोठारी