क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने विश्व क्रिकेट को काफी कुछ दिया है। आज भी उनके खेल को उदाहरण की तरह पेश किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर ही एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके नाम 100 अंतर्राष्ट्रीय शतक दर्ज हैं। इनमें से सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट में 51 शतक और एकदिवसीय मैचों में 49 शतक लगाए हैं। एकदिवसीय क्रिकेट में 463 मैच खेलने वाले सचिन तेंदुलकर ने सबसे ज्यादा 18,426 रन स्कोर किए हैं। रन स्कोर करने में सचिन तेंदुलकर की एकदिवसीय क्रिकेट में औसत 44.83 की रही। अपने एकदिवसीय करियर में बनाए गए शतकों में से सचिन तेंदुलकर के सिर्फ 14 शतक ही ऐसे रहे जिनमें शतक के बावजूद टीम को हार का सामना करना पड़ा। सचिन तेंदुलकर के एकदिवसीय मैचों में लगाए शतकों के इस सफर में शुरुआती 10 शतकों को पहले ही याद किया जा चुका है। आइए अब सचिन तेंदुलकर के 11वें शतक से लेकर 15वें शतक तक डालते हैं एक नजर:
#11 - 104 (97) बेनोनी में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़, 1997
साल 1997 में भारत और जिम्बाब्वे के बीच एकदिवसीय मैच खेला गया। बेनोनी में खेले गए इस मैच में भारत की ओर से सचिन तेंदुलकर ने शानदार पारी को अंजाम दिया। स्टैंडर्ड बैंक त्रिकोणीय सीरीज के अंतिम ग्रुप मैच में भारत का जिम्बाब्वे से सामना हुआ। इस मैच में भारत को आगे के लिए जीत या टाई की जरूरत थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए जिम्बाब्वे ने 240 रनों का स्कोर भारत के सामने खड़ा किया। जिसके बाद लक्ष्य का पीछा करने आई भारतीय टीम की ओर से सौरव गांगुली और मोहम्मद अजहरुद्दीन सस्ते में ही पैवेलियन लौट गए। हालांकि सचिन तेंदुलकर ने इस मैच पर पकड़ बनाए रखा और स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाते गए। संभलकर खेलते हुए सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में अपने एकदिवसीय करियर का 11वां शतक ठोक डाला। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में 97 गेंदों का सामना करते हुए 104 रनों की पारी खेली। अपनी इस पारी में उन्होंने 8 चौके और एक छक्का जड़ा। सचिन तेंदुलकर के जरिए खेली गई कप्तानी पारी के बदौलत ही टीम इंडिया को आखिर में मैच में जीत हासिल हुई।
#12 - 117 (137) बेंगलुरु में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़, 1997
मई 1997 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच बेंगलुरु में एकदिवसीय मैच खेला गया। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए इस मैच में टर्निंग पिच पर न्यूजीलैंड ने 220 रनों का स्कोर खड़ा किया। इसके बाद बल्लेबाजी करने आई भारतीय टीम की सलामी जोड़ी सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर ने टीम को शानदार शुरुआत दी। न्यूजीलैंड के गेंदबाजी आक्रमण को दोनों बल्लेबाजों ने डटकर सामना किया और 169 रनों की मजबूत साझेदारी को अंजाम दिया। सौरव गांगुली 62 रन बनाकर आउट हो गए लेकिन सचिन तेंदुलकर एक छोर पर जमे रहे और रन बरसाते रहे। इसी दौरान सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर का 12वां शतक भी पूरा कर लिया। इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने 137 गेंदों में 117 रनों की पारी खेली। जिसकी बदौलत आखिर में टीम इंडिया को इस मैच में 8 विकेट से जीत हासिल हुई।
#13 - 100 (89) कानपुर में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़, 1998
लगभग 11 महीने से सचिन तेंदुलकर के बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला था। लेकिन इसके बाद अप्रैल 1998 में सचिन तेंदुलकर ने तीन शतकों को अंजाम तक पहुंचाया। तीनों शतकों में खास बात ये रही कि सचिन तेंदुलकर के तीनों शतक ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ आए। इन तीनों में से पहला शतक कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में आया। साल 1998 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कानपुर में एकदिवसीय मैच खेला। इस मैच में सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने सलामी बल्लेबाज के तौर पर शानदार साझेदारी निभाई। पेप्सी ट्राएंगुलर सीरीज के चौथे मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम 50 ओवर में 222 रन ही बना सकी। इसमें अजीत आगरकर ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट अपने नाम किए। इसके बाद बल्लेबाजी करने आई भारतीय टीम की और से सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने एक बार फिर शानदार साझेदारी निभाई। दोनों ही खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के नाक में दम करके रख दिया और 175 रनों की शानदार सलामी साझेदारी को अंजाम दिया। इस मैच में तेंदुलकर ने अपने करियर का 13वां शतक ठोका। तेंदुलकर ने 89 गेंदों में 100 रनों की पारी खेली। इस पारी में उन्होंने बेहतरीन 7 छक्के लगाए। आखिर में इस मैच में टीम इंडिया को 6 विकेट से जीत हासिल हुई।
#14 - 143 (131) शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़, 1998
साल 1998 में शारजाह में सचिन तेंदुलकर के जरिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 143 रनों की पारी खेली गई। उनकी ये पारी सबसे यादगार पारियों में से एक थी। इसके साथ ही उनके एकदिवसीय करियर के 49 शतकों में से उनका ये शतक सबसे शानदार शतकों में से एक रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 284 रन बनाए। जिसके बाद भारतीय टीम के पास दो विकल्प थे। पहला विकल्प ये कि भारत ऑस्ट्रेलिया के जरिए बनाए गए रनों को चेज कर ले और मैच में जीत दर्ज कर दे। दूसरा विकल्प ये कि भारतीय टीम 254 रन बना दे और रनरेट के आधार पर न्यूजीलैंड की टीम को पछाड़ कर कोका-कोला कप 1998 के फाइनल में एंट्री मार ले। लक्ष्य का पीछा करते हुए इस मैच में भारतीय टीम की ओर से सौरव गांगुल पारी के नौवें ओवर में ही आउट हो गए। जिसके बाद सचिन तेंदुलकर ने टीम की कमान संभाली। हालांकि इस मैच में भारतीय टीम दबाव में आ चुकी थी और 31 ओवर तक भारत ने 4 विकेट के नुकसान पर 143 रन ही बनाए थे। इसके बाद तूफान की वजह से आधा घंटा मैच बाधित भी रहा और तूफान जाने के बाद मैदान पर सबने सचिन तेंदुलकर का तूफान देखा। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 131 गेंदों में 143 रन ठोक डाले। इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर का 14वां शतक भी लगा दिया। आखिर में सचिन तेंदुलकर की पारी की बदौलत ही भारतीय टीम ने टूर्नामेंट के फाइनल में भी एंट्री कर ली।
#15 - 134 (131) शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़, 1998
साल 1998 के कोका-कोला कप के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम का सामना ऑस्ट्रेलिया से हुआ। ऑस्ट्रलियाई टीम ने फाइनल मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 273 रनों का स्कोर खड़ा किया। शारजाह की पिच गेंदबाजों को फायदा पहुंचाती थी और उस दौर में ऐसी पिच पर 273 रन को चेज कर पाना काफी मुश्किल था। टीम इंडिया को सौरव गांगुली के रूप में जल्द ही झटका लग गया। इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने मैदान पर एक छोर थाम लिया। एक छोर से सचिन तेंदुलकर रन बटोरते जा रहे थे और स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाए जा रहे थे। अपनी शानदार बल्लेबाजी के कारण सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में एक और शतक ठोक डाला। सचिन तेंदुलकर के करियर का ये 15वां शतक था। इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने 131 गेंदों में 134 रनों की पारी खेली। इसके साथ ही उन्होंने शानदार 12 चौके और 3 छक्के भी लगाए। आखिर में सचिन तेंदुलकर की पारी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6 विकेटों से जीत दर्ज की और साथ ही कोका-कोला कप की ट्रॉफी भी अपने नाम कर लिया।
लेखक: राम कुमार अनुवादक: हिमांशु कोठारी